इसलिये उठाया ये कदम
सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से बसपा के टिकट पर एक बार चुनाव जीत चुकी हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के चलते भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल ने उन्हें हरा दिया था। इसके बाद बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर सीमा उपाध्याय पर भरोसा जताते हुए, उन्हें 2019 के लिए इसी लोकसभा से टिकट दिया, लेकिन इस बार सीमा उपाध्याय ने यहां से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। बताया गया है कि सीमा उपाध्याय अलीगढ़ लोकसभा से टिकट मांग रहीं थीं।
सीमा उपाध्याय फतेहपुर सीकरी से बसपा के टिकट पर एक बार चुनाव जीत चुकी हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के चलते भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल ने उन्हें हरा दिया था। इसके बाद बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर सीमा उपाध्याय पर भरोसा जताते हुए, उन्हें 2019 के लिए इसी लोकसभा से टिकट दिया, लेकिन इस बार सीमा उपाध्याय ने यहां से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। बताया गया है कि सीमा उपाध्याय अलीगढ़ लोकसभा से टिकट मांग रहीं थीं।
बसपा सुप्रीमो को बड़ा नुकसान
सीमा उपाध्याय के इस कदम से बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ा नुकसान हुआ है। चुनाव की घोषणा के बाद ऐनवक्त पर पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय के इस निर्णय से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में फतेहपुर सीकरी लोकसभा से मजबूत प्रत्याशी के लिए मंथन हुआ। बसपा जिलाध्यक्ष रवीन्द्र पारस ने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अब नये प्रत्याशी का चयन करने के निर्देश दिए हैं।
सीमा उपाध्याय के इस कदम से बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ा नुकसान हुआ है। चुनाव की घोषणा के बाद ऐनवक्त पर पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय के इस निर्णय से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में फतेहपुर सीकरी लोकसभा से मजबूत प्रत्याशी के लिए मंथन हुआ। बसपा जिलाध्यक्ष रवीन्द्र पारस ने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अब नये प्रत्याशी का चयन करने के निर्देश दिए हैं।