scriptमिशन 2019 में मायावती की पार्टी इस फॉर्मूले के साथ उतरेगी मैदान में! | BSP May Benifit of SC ST Act in Dalit Areas on Loksabha Chunav 2019 | Patrika News

मिशन 2019 में मायावती की पार्टी इस फॉर्मूले के साथ उतरेगी मैदान में!

locationआगराPublished: Sep 22, 2018 03:37:07 pm

एससी एसटी एक्ट के संसोधन को बनाया जाएगा हथियार, समाज को दी जा रही जानकारी

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आगरा। एससी एसटी एक्ट संशोधन भारतीय जनता पार्टी के लिए गले की फांस बन रहा है। वहीं इस एक्ट के संशोधन का मुद्दा दलितों को एकजुट करने की कड़ी बन रहा है। आगरा से शुरू हुई इस एक्ट की लड़ाई अब पूरे देश में पहुंच रही है। लेकिन, दलितों की राजधानी कही जाने वाली ताजनगरी में मायावती की पार्टी के लिए सवर्ण और ओबीसी ने नई राहें खोल दी हैं। इस एक्ट को लेकर जहां दलित वर्ग एकजुट हो रहा है तो वहीं दलितों को उनके अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। दलितों को बताया जा रहा है कि किस प्रकार डॉ.भीमराव अंबेडकर द्वारा पूना जेल में एक समझौता किया गया था। इस समझौते की जानकारी दलित बस्तियों में दी जा रही है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि एससी एसटी एक्ट का संशोधन लोकसभा चुनाव 2019 में मायावती की पार्टी के लिए संजीवनी का काम करेगा।
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दलित बस्तियों में दे रहे जानकारी
दलितों के हितों की रक्षा करने वाले संगठन सक्रिय है। सपोर्ट इंडिया संस्था द्वारा लगातार दलितों को उनके अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। सपोर्ट इंडिया के एडवोकेट सुरेश चंद्र सोनी का कहना है कि दलितों को पहले दो वोट का अधिकार देने का प्रस्ताव था। यदि ये अधिकार जारी रहता तो आज विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा के साथ साथ विधानपरिषद में दलितों के हितों की रक्षा करने वाले नेता मौजूद होते। लेकिन, संगीनों के साए में पूना एक्ट में हस्ताक्षर कराकर दलितों के हितों की रक्षा का हवाला दिया गया लेकिन, सरकारों ने कुछ नहीं किया। आज दलितों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। दलितों को सपोर्ट इंडिया उनके अधिकारों की जानकारी दे रही है। इसके लिए समय समय पर सपोर्ट इंडिया द्वारा पंचायत की जा रही हैं।
लोकसभा चुनाव में दिखेगा असर
सवर्ण लगातार एससी एसटी एक्ट को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। आगरा में छह सितम्बर को सवर्णों ने भारत बंद किया था। जिसमें आगरा में भी सवर्णों ने भारत बंद में भागीदारी दिखाई थी। राजनीतिक मामलों को जानकार और प्रोफेसर पीयूष कुलश्रेष्ठ का मानना है कि यदि केंद्र सरकार ने एससी एसटी एक्ट पर कोई ठोस राय सवर्ण समाज के बीच नहीं रखी तो इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में उठाना पड़ सकता है। ऐसे में गैरदलित संगठन को इसका लाभ मिलने की अधिक संभावनाएं हैं।
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