ये हैं आरोप बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष भारतेन्दु अरुण ने भगवान सिंह कुशवाह को पार्टी से निकाले जाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि पार्टी की सदस्यता की धनराशि न देने, गबन करने, बार-बार चेतावनी के बाद भी अनुशासनहीनता करने तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इससे पहले खेरागढ़ विधानसभा की कमेटी और सेक्टर कमेटियों की बैठक में सहमति ली गई। उन्होंने बताया कि सांसद मुनकाद अली, नेता विधान परिषद सुनील कुमार चित्तौड़, प्रदेश महासचिव प्रताप सिंह बघेल, हेमन्त प्रताप सिंह, भव्य प्रकाश कर्दम, रनवीर कश्यप (जोन इंचार्ज आगरा-अलीगढ़) की सहमति से ही भगवान सिंह कुशवाहा को निष्कासित किया गया है। यह पूछे जाने पर पूर्व विधायक ने कितने का गबन किया है, उन्होंने कहा कि यह तो पता नहीं है। बहनजी के आदेश पर पार्टी से निकाल दिया गया है।
कौन हैं पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाह यूं तो इंटर कॉलेज चलाते हैं, लेकिन 2007 में अचानक ही बसपा में प्रादुर्भाव हो गया। बसपा का टिकट मिलने के बाद नाम आम लोगों की जानकारी में आया। चुनाव लड़े और जीत गए। 2012 में फिर से बसपा का टिकट मिला और और राजघराना परिवार के प्रत्याशी को हरा दिया था। इसके बाद उनका बसपा में कद ऊंचा हो गया था। 2017 का विधानसभा चुनाव वे हार गए। इसके साथ ही वे सक्रिय राजनीति से किनारा कर गए। पार्टी के लिए काम कर रहे थे। कुशवाह समाज उन्हें खुलकर समर्थन करता है। इस संबंध में पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा को कई बार फोन किया गया। उन्होंने न तो मोबाइल उठाया और न ही लौटकर फोन किया।