यह भी पढ़ें VIDEO: प्याज की सुरक्षा के लिए कैद कर दिए ‘भगवान’, 24 घंटे तक नहीं खुला मंदिर का ताला कानून को समझने की सलाह कवि राकेश निर्मल जी ने कहा कि ऐसा लगता है कि जेएनयू में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण अपनी इच्छा से नहीं, अपितु किसी के प्रेरित करने से गईं हैं। उन्हें छात्रों को समझाना चाहिए था। स्तंभकार डॉ. अमी आधार निडर ने कहा कि कानून को लेकर जबरन भ्रम पैदा किया जा रहा है। संवाद से इसे दूर करना चाहिए। जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अशोक चौबे जी ने कहा कि देशभर में प्रदर्शन करने वाले पहले सीएए कानून को समझें, कानून में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे उन्हें प्रदर्शन करना पड़े।
यह भी पढ़ें पहले ही दिन DM पीएन सिंह ने किया आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण भ्रमित होने की जरूरत नहीं परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए सुर आंनद संस्था के संस्थापक इजी. सुरेंद्र बंसल ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून का भारतीय नागरिकों से किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय नागरिकों को संविधान में जो मूल अधिकार मिले हैं, उस पर कोई खतरा नहीं है। इसलिए किसी को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। परिचर्चा में खतेंद्र सिंह, निशांत चतुर्वेदी, रेखा नागपाल, ममता गोयल, राहुल सिंह ने भी विचार रखे। परिचर्चा के संयोजक मनमोहन निरंकारी ने धन्यवाद दिया।