ये है मामला
शहर से सभी डेयरियों को बाहर स्थानांतरित किया जाना है। इसे लेकर नगर निगम द्वारा अभियान शुरू कर दिया गया है। जिन डेरी संचालकों ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया, उनका धारा 133 के तहत चालान किया जा रहा है। नगर निगम की इस कार्रवाई के विरोध में पशुपालक एकजुट हो गए हैं। पशुपालकों का कहना है कि उनकी मांग मानी जाएं, तभी वे शहर से बाहर जाएंगे।
शहर से सभी डेयरियों को बाहर स्थानांतरित किया जाना है। इसे लेकर नगर निगम द्वारा अभियान शुरू कर दिया गया है। जिन डेरी संचालकों ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया, उनका धारा 133 के तहत चालान किया जा रहा है। नगर निगम की इस कार्रवाई के विरोध में पशुपालक एकजुट हो गए हैं। पशुपालकों का कहना है कि उनकी मांग मानी जाएं, तभी वे शहर से बाहर जाएंगे।
ये है मांग
पशुपालक रमेश चंद गुप्ता ने बताया कि आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा बढ़ाना में 7400 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से प्लॉट दिया जा रहा है, जोकि काफी महंगा है। प्रकाश चंद बंसल ने बताया कि लखनऊ में 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से प्लॉट देकर शहर की डेरियों को बाहर क्षेत्र में शिफ्ट कराया गया है। लखनऊ की तर्ज पर आगरा के पशुपालकों को प्लॉट दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता, तो पशुपालक हड़ताल के लिए मजबूर होंगे।
पशुपालक रमेश चंद गुप्ता ने बताया कि आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा बढ़ाना में 7400 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से प्लॉट दिया जा रहा है, जोकि काफी महंगा है। प्रकाश चंद बंसल ने बताया कि लखनऊ में 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से प्लॉट देकर शहर की डेरियों को बाहर क्षेत्र में शिफ्ट कराया गया है। लखनऊ की तर्ज पर आगरा के पशुपालकों को प्लॉट दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता, तो पशुपालक हड़ताल के लिए मजबूर होंगे।
500 से अधिक डेयरी हैं शहर में
यदि आगरा की बात करें, तो यहां 500 ऐसी डेयरी हैं, जो शहर की पॉश से लेकर घनी बस्ती में स्थिति हैं। इन डेयरीयों से घरों में बड़ी मात्रा में दूध सप्लाई होता है। अभी की बात करें, तो डेयरी से आने वाला दूध 60 से 65 रुपये लीटर का होता है। वहीं लोग दूधिया से मिलावट के चलते दूध लेना पसंद नहीं करते हैं, ऐसे में डेयरीयों पर इसलिए विश्वास होता है, क्योंकि ये दूध उनके सामने निकाला जाता है। इसलिए यहां अधिक रेटों में भी लोग दूध लेते हैं।