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धाकरान स्थित चामुंडा देवी मंदिर 200 से भी अधिक वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि यहां स्थापित माता चामुंडा माता की प्रतिमा यहीं की जमीन से निकली थीं। मान्यता ये है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से माता से कुछ भी मांगे, तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। शुरुआत में यहां छोटा मंदिर हुआ करता था, लेकिन देवी मां के चमत्कारों ने भक्तों को इस मंदिर की ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते आज यहां भव्य मंदिर बन गया है। यहां पर दूर दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।
धाकरान स्थित चामुंडा देवी मंदिर 200 से भी अधिक वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि यहां स्थापित माता चामुंडा माता की प्रतिमा यहीं की जमीन से निकली थीं। मान्यता ये है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से माता से कुछ भी मांगे, तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। शुरुआत में यहां छोटा मंदिर हुआ करता था, लेकिन देवी मां के चमत्कारों ने भक्तों को इस मंदिर की ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते आज यहां भव्य मंदिर बन गया है। यहां पर दूर दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।
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ये कहते हैं महंत
इस मंदिर के महंत से पत्रिका टीम ने बात की, तो उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान मां चामुंडा देवी का भव्य दरबार सजता है। नौ दिन तक विशेष पूजा अर्चना की जाती है, फूल बंगला सजाया जाता है। दूर दूर से भक्त माता रानी के दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर नवरात्रे के दौरान मेले का भी आयोजन किया जाता है। श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे के आयोजन किए जाते हैं।
ये कहते हैं महंत
इस मंदिर के महंत से पत्रिका टीम ने बात की, तो उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान मां चामुंडा देवी का भव्य दरबार सजता है। नौ दिन तक विशेष पूजा अर्चना की जाती है, फूल बंगला सजाया जाता है। दूर दूर से भक्त माता रानी के दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर नवरात्रे के दौरान मेले का भी आयोजन किया जाता है। श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे के आयोजन किए जाते हैं।