इस व्रत को रखने वाले 36 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत रखते हैं। व्रत के माध्यम से छठी मैया और सूर्य देव का आशीर्वाद पाने की कोशिश की जाती है। मान्यता है कि सूर्य, ऊर्जा और जीवन शक्ति के देवता हैं। छठ के दौरान इनकी पूजा उन्नति, बेहतरी और प्रगति के लिए की जाती है। आगरा में बल्केश्वर घाट, हाथीघाट, बल्केश्वर, कैलाश घाट पर प्रसिद्ध शाही के अलावा और भी स्थानीय घाटों पर वर्ती पहुंचे और लोगों ने पूजा अर्चना की। इस मौके पर अशोक कुमार चौबे, अखिलेश सिंह, ओम प्रकाश गुप्ता, वाईके शर्मा, मुन्ना मिश्रा, शम्भू नाथ चौबे आदि मौजूद थे। वहीं रामबाग घाट पर भी पूजा अर्चना की गई। पूर्वांचल समिति के अध्यक्ष अशोक चौबे ने बताया कि जो लोग घाटों पर नहीं पहुंच पाते हैं, वे घर में ही वैकल्पिक व्यवस्था करके पूजा अर्चना करते है
गौरतलब है कि छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ शुरू होती है। आस्था के इस पर्व के दूसरे दिन व्रतियों के सूर्यास्त होने पर खरना के तहत रोटी और खीर का भोग लगाए जाने के बाद उनके द्वारा रखा गया 36 घंटे का निर्जला उपवास शाम को डूबते हुए सूर्य और दूसरे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद भोजन के साथ संपन्न होता है।