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मुख्य सचिव की क्लास में बीएसए की शिकायत

locationआगराPublished: Sep 28, 2017 03:58:06 pm

विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने आए मुख्य सचिव राजीव कुमार की क्लास में जनप्रतिनिधियों द्वारा बीएसए की शिकायत की गई।

Chief secretary Rajeev kumar

Chief secretary Rajeev kumar

आगरा। विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने आए मुख्य सचिव राजीव कुमार की क्लास में जनप्रतिनिधियों द्वारा बीएसए की शिकायत की गई। बताया गया कि सरकार का आदेश है, कि सरकारी स्कूलों में पुस्तक वितरण के दौरान जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी होनी चाहिए, लेकिन आगरा की बीएसए ने कहां पुस्तक वितरण करा दिया, किसी को नहीं मालूम। इसके साथ ही आगरा की पेयजल समस्या और अन्य विकास कार्यों पर भी जनप्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव के सामने अपने अपने पक्ष रखे।
बैठक में शिकायत
अधिकारियों से बैठक के बाद मुख्य सचिव राजीव कुमार ने आगरा के सभी नौ जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव का स्वागत किया गया। बैठक में विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने बीएसए अर्चना गुप्ता की शिकायत उनसे की। बताया गया कि सरकार के आदेश हैं, कि सरकारी स्कूलों में आने वाली पुस्तकों का वितरण जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होना चाहिए। इसके पीछे सरकार का आशय ये है, कि कहीं भी इस योजना में गड़बड़ी न हो सके, लेकिन बीएसए आगरा ने पुस्तक वितरण कहां करा दिया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछली बार जब डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा आए थे, उनके सामने इस विषय को रखा गया था। उस दौरान बीएसए चुप्पी साध गईं और आगे वितरण के लिए आने वाली ड्रेस के लिए कहा कि उसे जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में वितरित किया जाएगा, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ।

सामंजस्य बिठाने पर चर्चा
इस बैठक में सबसे बड़ी चर्चा रही, वो ये थी, कि दो विभाग और अधिकारियों के बीच सामंजस्य नहीं है, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। आगरा में सीवर की बड़ी समस्या है, लेकिन नगर निगम, जल विभाग इस समस्या को एक दूसरे पर धकेलते नजर आते हैं। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जो भी सरकारी योजनाएं हैं, उनका अमलीकरण करने के लिए जो भी स्थिलिता अधिकारी और सरकारी स्तर पर है, उसमें सुधार हो। अपेक्षाएं ये हैं, कि विकास कार्यों में तेजी आए। आगरा में गंगाजल अब तक आ जाना चाहिए थे, अब 2018 तक इसके आने की उम्मीद है। इसके साथ ही बताया गया कि विधायकों को 100 हैंडपंप दिए जाते हैं, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ये कारगर नहीं है, इसलिए 100 हैंडपंप की जगह यदि 70 समर सेबिल लगवा दिए जाएं, तो बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा।

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