scriptविश्व जल दिवस: पानी नहीं मिला, मिले सिर्फ सपने | Civil Society Discussion on water crisis and development of Agra | Patrika News

विश्व जल दिवस: पानी नहीं मिला, मिले सिर्फ सपने

locationआगराPublished: Mar 22, 2018 10:55:45 am

गरीब से गरीब परिवार तक को खरीदकर बोतल का पानी पीना पड़ रहा है।

National world water day

National world water day

आगरा। सिविल सोसाइटी की परिचर्चा में आगरा के विकास को लेकर चर्चा हुई। इस चर्चा में सर्वप्रथम जनप्रतिनिधियों के रिपोर्ट कार्ड पर चर्चा हुई। बताया गया कि जनप्रतिनिधियों का रिपोर्टकार्ड अगर देखा जा, तो दिल्ली और लखनऊ दोनों ही जगह विवशता और चुप्‍पी नजर आती है। मसलन गंगा जल पाइप लाइन प्राजेक्‍ट की बातें बहुत कहीं गयीं, किन्‍तु 2019 यानि लोकसभा के चुनाव होने तक तो इसके पूरा होने की कोई संभावना नहीं है।
खरीदकर पी रहे पानी
चर्चा में कहा गया कि आगरा की जनता की पीने के पानी की प्राथमिकता हमेशा रही है। गरीब से गरीब परिवार तक को खरीदकर बोतल का पानी पीना पड़ रहा है। अब जब बैराज बनाये जाने की बात आई, तो जनता की जरूरत को दरकिनार कर ताजमहल को सुंदर बनाये जाने को प्राथमिकता दी गयी। प्रस्‍तावित बैराज से एक बूंद भी आगरा के जलकलों के लिये पानी उपलब्‍ध हो सकेगा। बैराज से पुल को बनाने का काम अनावश्‍यक रूप से जोड़ दिया गया । सवंभवत: लखनऊ की किसी फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए यह किया गया है। डीपीआर की जांच होनी चाहिये और बैराज पर एक और नये पुल को बनाये जाने का औचित्‍य पूछा जाना चाहिए।
टूरिज्म को बढ़ावा देने की सिर्फ चर्चा
टूरिज्‍म को बढ़ाने की बात पिछले चार सालों से सरकारें कर रही हैं। किन्‍तु जो प्रयोग किये गये उनमें से ज्‍यादा तर नाकाम ही रहे हैं। मसलन गतिमान एक्‍सप्रेस भारी घाटे में संचालित है। इससे घबराकर अब इस ट्रेन को ग्‍वालियर तक ले जाने की योजना है। रेलवे ट्रेक इजाजत नहीं दे रहे, अन्‍य था झांसी ही नहीं नागपुर तक ले जाने का मंसूबा आंतरिक तौर पर तय है।
गोल्‍डन ट्राइंगिल के सबसे महत्‍वपूर्ण शहर आगरा और जयपुर को जोड़ने वाली शताब्‍दी एक्‍सप्रेस अब चलना बन्‍द हो रही है। बेहद घाटा होना इसका भी कारण है।
ट्रैवल गाइड नहीं हवाई यात्रा नहीं रिक्मंड
फ्लाइटों को लेकर पूरे टूरिस्‍ट सीजन में पिछले आठ साल में यह साल सबसे अनिश्‍चित्‍ता के दौर वाला रहा। दुनियां की किसी भी ट्रैविल गाइड में आगरा घूमने पहुंचने वालों को इसी अनिश्‍चित्‍ता के कारण ताज सिटी पहुंचने या वापस आने के लिये हवाईजहाज रिक्‍मंड नहीं किया। दो साल से ताजमहल पर अव्‍यवस्‍था का दौर चला हुआ है। लगता है कि पर्यटन विभाग ने ‘लेसर नोन मॉन्‍यूमेटों को टूरिज्म डैस्‍टीनेशन प्रचारित करने में दिलचस्‍पी लेना छोड़ दिया है। इस समय मुख्‍य मुद्दा आगरा की एयर कनैक्‍टिविटी का है, इसके लिए हवाई अड्डा चाहिये । चाहे वह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में हो या फिर सिविल एन्‍कलेव के रूप में।
आगरा को चाहिए एयरपोर्ट
आगरा मे इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिये, इसका सिविल सोसायटी ही नहीं हर छोटे बडे संगठन का मानना है। किन्‍तु आगरा का राजनीति में बजूद छोटा है, इसलिये इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राजेक्‍ट गैर जरूरी होते हुए भी ग्रेटर नोयडा मे बनवाया जा रहा है। वह भी आगरा के ताजमहल के नाम पर। इस पर प्रत्‍यक्ष में तो कुछ खास नहीं कर सके किन्‍तु इलहाबाद हाईकोर्ट में सिविल एन्‍कलेव को को लेकर चल रहे मुकदमें में जरूर इसे उठाया है और सुनवायी कर रही चीफ जस्‍टिस की पीठ ने उप्र के एडवोकेट जनरल से इसके औचित्‍य के बारे में जवाब देने को कहा है।
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