scriptइस बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की मुक्ति के लिए पहुंची शमशान | Daughter gave lit to father in barahan | Patrika News
आगरा

इस बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की मुक्ति के लिए पहुंची शमशान

अंतिम संस्कार में सिर्फ इसलिए देरी हो हुई कि मुखाग्नि कौन देगा।

आगराJan 10, 2018 / 08:15 am

धीरेंद्र यादव

Daughter

Daughter

आगरा। कहा जाता है कि मुक्ति तभी मिलती है, जब अंतिम संस्कार के दौरान पुत्र मुखाग्नि दे, लेकिन कस्बा बरहन ने युवा किसान की मृत्यु के बाद उसकी पुत्री ने पुत्र का फर्ज निभाया। किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार में सिर्फ इसलिए देरी हो हुई कि मुखाग्नि कौन देगा। किसी की कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। ऐसे में किसान की बड़ी बेटी ने आगे आते हुए बेटे का फर्ज निभाया।
यहां का है मामला
बरहन कस्बा अशोक नगर के रहने वाले 40 वर्षीय पूरन पुत्र राम सहाय कुशवाह बाइक से घर लौटते समय अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम े बाद मृतक का शव गांव पहुंचा, तो पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ था।अब सबसे बड़ी परेशानी ये थी, कि किसान के अंतिम संस्कार के दौरान मुखाग्नि कौन देगा। दरअसल, पूरन का कोई भाई नहीं है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। 85 वर्षीय पिता राम सहाय का रो-रोकर बुरा हाल था। युवा पुत्र की मौत उनके लिए सबसे बड़ा दुख है। ग्रामीण भी नहीं समझ पा रहे थे आखिर मुखाग्नि कौन देगा।
हर किसी की आंखें थी नम
सुबह से दोपहर हो गई। दोपहर से शाम होने जा रही थी कि पूरन की बड़ी बेटी रजनी ने स्वयं आकर ग्रामीणों से कहा कि वह मुखाग्नि देगी। उसकी बात सुन ग्रामीणों के आंसू निकल आए। इसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां की जाने लगीं। 21 वर्षीय रजनी बीए कर रही है। गमगीन माहौल के बीच उसके कदम को सभी ने सराहा। बता दें कि पूरन की मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट भी आ गया है। पूरन किसान था, इसके जरिए ही परिवार का पालन हो रहा है। अब खेती की जिम्मेदारी फिर से बुजुर्ग पिता पर आ गई है।

Home / Agra / इस बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की मुक्ति के लिए पहुंची शमशान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो