पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिजारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने का समय 10.30 बजे था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से वे करीब 11.30 बजे पहुंचे। मौसम खराब होने की वजह से अधिकारियों की धड़कनें बढ़ी रहीं, लेकिन बाद में बारिश बंद हुई, तो मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर बाह रोड के किनारे बने हेलीपैड पर उतरा। यहां से यमुना किनारे बने मंदिर में पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा अर्चना की। इसके बाद अटल जी के परिजनों के साथ यमुना घाट पर अस्थियों का विसर्जन करने पहुंचे।
अटल जी के पैतृक गांव बटेश्वर में जब आज उनकी अस्थियां पहुंची, तो लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर आंख नम थी। रानी घाट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रोच्चारण के बीच अटल जी की अस्थियां यमुना में प्रवाहित की। मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली से आईं अटल जी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य और दामाद रंजन भट्टाचार्य भी थे। इस दौरान अटल जी अमर रहें.. के नारे गूंजते रहे।
यमुना के रानी घाट पर अस्थित विसर्जन के बाद जैन धर्मशाला में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी का जीवन देश के लिये समर्पित रहा। मैं जहां भी अस्थि विसर्जन के लिए गया हूं, वहां बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को अटलजी की जयंती है, बटेश्वर का विकास तब तक आकार लेने लगेगा। मुख्यमंत्री ने अटल जी का निवास भी देखा और गांव में रहने वाले उनके परिवारीजनों से मुलाकात भी की। इसके बाद यहां से मुख्यमंत्री लखनऊ के लिए रवाना हो गए।