आगरा

पब्लिक कनेक्ट: बहुत काम का है रसाई का कूड़ा, इसे ऐसे ही ना फेंके

किचन वेस्टेज को डब्बे में रखकर उसकी खाद बनाई जा रही है, जो घरों में इस्तेमाल होने वाली नर्सरी के लिए बहुत उपयोगी होती है।

आगराMay 04, 2018 / 04:46 pm

अभिषेक सक्सेना

आगरा। रसोई से निकला कूड़ा सफाईकर्मी को डाल देते हैं। इस कूड़े का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आगरा में रसोई से निकलने वाले कूड़े का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। किचन वेस्टेज को डब्बे में रखकर उसकी खाद बनाई जा रही है, जो घरों में इस्तेमाल होने वाली नर्सरी के लिए बहुत उपयोगी होती है। आगरा के कई परिवार इस कार्य में जुटे हुए हैं। मानते हैं कि इससे स्वच्छता रहेगी और पर्यावरण भी दूषित नहीं होगा।
कूड़े का ढेर देखकर मन में जागा ये आइडिया
कमलानगर ई-ब्लॉक निवासी इको फ्रेंडस वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. मनिंदर कौर कहती है कि शहर में कहीं भी निकल जाएं कूड़े कचरे के ढेर लगे दिखाई देते हैं। शहर की गंदगी को कम करने के लिए चार साल पहले अंजू दयालानी और रेखा हसीजा के साथ इस काम की शुरूआत की। घर से निकलने वाले कूड़े, किचन वेस्टेज और पूजा की सामग्री को मटके में रख देते हैं। कचरे को पहले अलग अलग करना चाहिए। इसके बाद उस वेस्टेज पर बोकाशी पाउडर डाला जाता है। इस कचरे को 15 से 25 दिन के लिए छोड़ देते हैंं। लेकिन, दस दिन के लिए इसे एक गड्ढे में भी दबाकर रखा जाता है। ये खाद 25 दिन में बनकर तैयार हो जाती है। इस जैविक खाद का प्रयोग खेती में किया जा सकता है साथ ही साथ घरों में लगी नर्सरी में इसे इस्तेमाल कर सकते है। महज 30 रुपये में दस किलोग्राम खाद तैयार हो जाती है।

इन चीजों को रखें दूर
खाद का इस्तेमाल करने के लिए शीशा, लोहा और प्लास्टिक को बाहर निकाल दें। डॉ.मनिंदर कौर का कहना है कि उन्होंने ये तकनीति इंटरनेट के माध्यम से सीखी और अब महिलाओं के साथ ग्रुप चलाकर इसे बढ़ाया जा रहा है। मंदिरों के बाहर ड्रम रखवाए गए हैं। ताकि वहां से निकलने वाला कूड़ा एकत्रित कर उसकी जैविक खाद बनाई जा सके।
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