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अटल जी की अस्थि कलश यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता ने दिया बड़ा बयान, बोले भाजपा का है ड्रामा

locationआगराPublished: Aug 24, 2018 06:02:50 pm

वाजपेयी के स्वर्गवासी होने के उपरान्त अब भाजपा के नेता ड्रामा कर रहे हैं।

Atal bihari vajpayee asthi kalash yatra

Atal bihari vajpayee asthi kalash yatra

आगरा। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी विरोधी दल भाजपा, जनसंघ का दायित्व बखूबी संसद के पटल पर निभाते रहे। हर दिल अजीज सभी राजनैतिक दलों का दिल जीतने वाले भारत के एक मात्र ऐसे नेता थे जो अपनी वाकपटुता व कविताओं के माध्यम से संसद का माहौल हल्का रखने में माहिर थे। संसद में विरोध व बाहर दोस्ती भाई-चारा रखने वाले वाजपेयी के स्वर्गवासी होने के उपरान्त अब भाजपा के नेता ड्रामा कर रहे हैं। ये कहना है वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गोविन्द अग्रवाल का।
ये बोले कांग्रेस नेता
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गोविन्द अग्रवाल, त्रिलोक चन्द शर्मा, विमल नरायन शर्मा एवं कपिल मोहन अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जितनी घोषणायें केन्द्र व प्रदेश की सरकारें उनकी स्मृति में मरणोपरान्त बटेश्वर के विकास की कर रही हैं, वह ठीक उसी प्रकार हैं जिस प्रकार भाजपा चुनाव आने से पूर्व अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वायदा कर देश की जनता को छलती रही है। श्री अग्रवाल ने कहा है कि गुजारातियों को स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के निधन का उतना शोक नहीं है, जितना अब बाजपेयी के नाम को 2019 के आम चुनावों में कैश कराने की फिक्र है।
ये लगाया आरोप
श्री अग्रवाल ने कहा है कि बटेश्वर के विकास की बात करने वाले एक भी नेता उनके जीवित रहते हुए उनसे हालचाल पूछने नहीं गये। 14 अगस्त को प्रधानमंत्री सिर्फ इसलिए उनसे मिलने गये थे, चूंकि 15 अगस्त को अपने भाषण सम्बोधन में बोलना था कि मैं बाजपेयी से कल मिलकर आया हूं। स्व. बाजपेयी जी के अस्वस्थ होने के उपरान्त प्रदेशों में चुनाव व उपचुनाव लगातार हुये हैं। इन गुजराती नेताओं ने भारतरत्न स्व. बाजपेयी जी का कहीं भी मंचों पर बैनर, देश में होर्डिंग्स, पोस्टरों पर चित्र तक नहीं लगाये, यहां तक कि तमाम वरिष्ठ नेताओं द्वारा बाजपेयी जी के नाम से वोट नहीं मांगे गये, बल्कि पूर्व की केन्द्रीय व प्रदेशों की सरकारों को ही कोसते रहे है।
ये पूछे गये सवाल
कांग्रेसियों ने पूछा कि बटेश्वर के विकास की बात करने वाले यह नेता बतायें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने आगरा इटावा रेल लाइन की आधारशिला 1999 में रखी थी और 2004 तक भाजपा सरकार रहने पर रेल लाइन का काम पूरा नहीं हो पाया। मौजूदा भाजपा सरकार ने भी गम्भीरता से आगरा इटावा रेल लाइन को नहीं लिया। आज घोषणाओं की सरकार बटेश्वर में संग्रहालय बनाने, उनके पैतृक निवास को स्मृति-वन बनाने की बात की जा रही है। बटेश्वर को पर्यटक नगर बनाने, राजकीय विश्वविद्यालय, सड़कों स्कूल, अस्पताल बनाने की बात करती है। बटेश्वर के 108 ऐतिहासिक मंदिर जिनके जीर्णोद्धार की बात भी की जा रही है। पर्यटक स्थल बनाने के लिए पार्कों का सौन्दर्यीकरण, पशु मेले को राज्य स्तर तक पहुंचाने जैसी तमाम घोषणायें सरकार कर रही है।

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