स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया सरकार का अन्यायपूर्ण फैसला
लॉयल अस्पताल, जिला अस्पताल व एसएन मेडिकल कॉलेज ने इस बीच काली पट्टी बांधकर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपना काम किया। उनका कहना था कि हर स्वास्थ्यकर्मी एक कोरोना योद्धा है। सरकार ने उनका डीए रोककर और छह भत्ते खत्म करके उनके साथ अन्याय किया है। ये कोरोना योद्धाओं का अपमान है। वहीं इस बीच एसएन मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्टों ने इमरजेंसी के बाहर सांकेतिक नारेबाजी की। उनका कहना था कि सरकार ने इस फैसले से हमें निराश किया है।
जब तक भत्ते बहाल नहीं होते आंदोलन जारी रहेगा
कर्मचारियों ने एक जनवरी से लेकर 30 जून 2021 तक महंगाई भत्ता रोके जाने व प्रदेश सरकार द्वारा नगर प्रतिकर भत्ता सहित छह भत्ते समाप्त करने को सरकार का श्रम विरोधी निर्णय बताया। उनका कहना था कि सरकार महंगाई तो रोक नहीं पायी, लेकिन महंगाई भत्ता रोक दिया। कोविड 19 की आड़ में सरकार कर्मचारियों को लूटने का काम कर रही है। इसे बंद होना चाहिए। स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ संरक्षक हरीबाबू वाल्मीकि के अनुसार जब तक सरकार भत्ते बहाल नहीं करती, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।