सात नवंबर को होगा सम्मेलन
आगरा में सात नवंबर को बहुजन क्रांति मोर्चा द्वारा पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। आगरा मंडल के संयोजक जर्नादन अनुरागी ने पत्रिका को जानकारी देते हुए बताया कि बहुजन क्रांति मोर्चा द्वारा पिछड़ी जातियों को एकमंच पर लाने की कवायद की जा रही है। हाल ही में गुजरात में परिवर्तन यात्रा के जरिए लोगों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया गया, वहीं यूपी में भी पिछडी जातियों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जाएगा। एक मंच पर उन्हें लाया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव ईवीएम द्वारा नहीं हो, इसके लिए सभी पार्टियों को साथ लिया जाएगा। मोर्चा पहले ही ये स्पष्ट कर चुका है कि चुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल फिर से शुरू कराया जाए।
आगरा में सात नवंबर को बहुजन क्रांति मोर्चा द्वारा पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। आगरा मंडल के संयोजक जर्नादन अनुरागी ने पत्रिका को जानकारी देते हुए बताया कि बहुजन क्रांति मोर्चा द्वारा पिछड़ी जातियों को एकमंच पर लाने की कवायद की जा रही है। हाल ही में गुजरात में परिवर्तन यात्रा के जरिए लोगों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया गया, वहीं यूपी में भी पिछडी जातियों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जाएगा। एक मंच पर उन्हें लाया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव ईवीएम द्वारा नहीं हो, इसके लिए सभी पार्टियों को साथ लिया जाएगा। मोर्चा पहले ही ये स्पष्ट कर चुका है कि चुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल फिर से शुरू कराया जाए।
दलित और पिछड़े एकजुट हुए तो बढ़ेगी भाजपा की मुश्किलें
आगरा में करीब 46 की जनसंख्या है। जिसमें वोटिंग के लिए करीब साढ़े पंद्रह लाख वोटर हैं। दलित वोटरों की संख्या तीस प्रतिशत से अधिक है। वहीं पिछड़ी जातियों की संख्या भी पंद्रह प्रतिशत के करीब है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि ऐसे में यदि दलित और पिछड़ी जातियां एकजुट होकर एकमंच पर आती हैं तो भाजपा जैसी पार्टियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आगरा में करीब 46 की जनसंख्या है। जिसमें वोटिंग के लिए करीब साढ़े पंद्रह लाख वोटर हैं। दलित वोटरों की संख्या तीस प्रतिशत से अधिक है। वहीं पिछड़ी जातियों की संख्या भी पंद्रह प्रतिशत के करीब है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि ऐसे में यदि दलित और पिछड़ी जातियां एकजुट होकर एकमंच पर आती हैं तो भाजपा जैसी पार्टियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।