यह भी पढ़ें VIDEO: प्याज की सुरक्षा के लिए कैद कर दिए ‘भगवान’, 24 घंटे तक नहीं खुला मंदिर का ताला क्षय रोग का परीक्षण कराते रहें फतेहाबाद रोड स्थित केएनसीसी में एपीकॉन 2020 के तहत देश-विदेश के 12000 चिकित्सक जटिल रोगों पर मंथन कर रहे हैं। तीसरे दिन डायबिटीज और टीबी रोग के संबंध पर चर्चा हुई। उड़ीसा के डॉ. जयन्त पांडा ने अपने व्याख्या ने बताया कि विकसित देशों में डायबिटीज है, लेकिन वहां टीबी को कंट्रोल कर लिया गया है, जबकि भारत में दोनों ही बीमारियों के मरीजों की संख्या अधिक है। इसलिए क्षय रोग के मरीज को डायबिटीज और डायबिटीज के मरीज को क्षय रोग का परीक्षण समय-समय पर कराते रहना चाहिए। दोनों बीमारियों के साथ होने पर इन्हें कंट्रोल करने में भी मुश्किल होती है। डॉ. प्रभात अग्रवाल ने हाइपोथाइरायड कोमा विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि दवा बीच में बंद करने की स्थिति में बीमारी जटिल हो जाती है। अक्सर सर्दी के मौसम में विशेषकर महिलाएं बेहोशी की हालत में डक्टरों के पास पहुंचती हैं। ऐसा बीच में दवा बंद करने के कारण होता है। भारत में हाइपोथॉयरायड मरीजों की संख्या लगभग 10-12 प्रतिशत है।