मधुमेह मरीजों की आँखों पर असर वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अरविन्द जैन ने बताया कि शिविर में 1200 से अधिक मरीजों का परीक्षण किया गया। 150 मरीजों की एचबीए 1 सी जांच की गई। जांच से पता चला कि दवा लेने वाले मरीजों में भी शुगर का स्तर 450 तक है। कुछ मरीज तो 25-25 वर्ष पुरानी दवाएं प्रयोग कर रहे थे। लगभग 5 फीसदी ऐसे मरीज थे जिन्हें पहली बार डायबिटिक होने का पता चला। डॉ. अरविन्द जैन ने कहा कि डीयबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल रखने के साथ अन्य अंगों (आंखे, किडनी, हृदय आदि) का भी खयाल रखें। क्लब के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि सभी मरीजों का निशुल्क फॉलोअप भी किया जाएगा। शिविर में परीक्षण कराने वाले मरीजों को डॉक्टर आगे भी निशुल्क परामर्श देंगे। शिविर में विभिन्न जांचे व दवों का वितरण निशुल्क किया गया। मरीजों का परीक्षण डॉ. शुभम सिंघल, डॉ. रजत गोयल, डॉ. सूरज अग्रवाल आदि द्वारा किया गया।
1200 मरीजों में क्या मिला -डायबिटीज के 5 फीसदी नए मरीज निकले। -30 फीसदी डायबिटीज के मरीजों में HBA1C जो 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए, 11 प्रतिशत तक निकली। -माइक्रोएल्बुमिन की जांच में लगभग 30 मरीजों में डायबिटीज के कारण किडनी शुरुआती स्तर पर प्रभावित थी।
-डायबिडीज के कारण 100 मरीजों में रेटिना की समस्या और 25 मरीजों में रोशनी काफी प्रभावित हो चुकी थी। -विटामिन डी कमी के कारण लगभग 100 मरीजों को जोड़ों की समस्या व 75 को श्वांस की समस्या थी।
मधुमेह रोग बढ़ने पर चिन्ता शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एके गुप्ता ने क्लब के सदस्यों को शिविर के माध्यम से ग्रामीणों की सेवा के लिए बधाई दी। उन्होंने ग्रामीणों में मधुमेह रोग बढ़ने पर चिन्ता जताई। इस अवसर पर मुख्य रूप से अध्यक्ष अजय गुप्ता, राजेन्द्र अग्रवाल, राजेश खंडेलवाल, अजय बंसल, संजय बंसल, नरेश जैन, अनूप गुप्ता, महेन्द्र जैन, किशन अग्रवाल, डॉ. विमल सिंघल, डॉ. विनीत वर्मा, डॉ. अनुपम गुप्ता, किशोर जैन, डॉ. अनिल अग्रवाल, प्रमोद गुप्ता, संतोष अग्रवाल आदि उपस्थित थे।