scriptरामलीला मैदान से बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा था, मुझे मेरे पढ़े लिखे लोेगों ने दिया धोखा, देखें वीडियो | Dr Bhimrao Ambedkar Parinirvan Divas Ambedkar installed Buddha statue | Patrika News

रामलीला मैदान से बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा था, मुझे मेरे पढ़े लिखे लोेगों ने दिया धोखा, देखें वीडियो

locationआगराPublished: Dec 06, 2019 03:06:01 pm

18 मार्च 1956 को रामलीला मैदान में जनसभा को किया संबोधित, बुद्ध प्रतिमा की थी स्थापित।

आगरा। ताजमहल के शहर आगरा से बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर का गहरा नाता रहा। संविधान निर्माता बाबा साहब दो बार आगरा आए। दूसरी बार डॉ. भीमराव आम्बेडकर 18 मार्च, 1956 को आगरा के रामलीला मैदान में आए, जहां से उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया था। भदंत ज्ञान रत्न ने बताया कि आगरा के रामलीला मैदान में उतनी भीड़ आज तक नहीं हुई। यहां बाबा साहब ने कहा था कि मुझे मेरे पढ़े लिखे लोगों ने धोखा दिया। यहां से जाने के लगभग नौ माह बाद छह दिसम्बर, 1956 को डॉ. अंबेडकर का देहांत हो गया। बाबा साहब ने आगरा में बुद्ध प्रतिमा अपने हाथों से स्थापित की थी।
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बाबा साहब ने विशाल जनसभा को दिया ये संदेश
बौद्ध बिहार चक्कीपाट के भदंत ज्ञान रत्न ने बताया कि 18 मार्च 1956 को रामलीला मैदान में बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा था- ‘अगर मैं आगरा के लोगों की भावनाओं को पहले समझ लेता तो बहुत पहले ही बौद्ध धर्म ग्रहण कर लेता, लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है। इस छुआछूत और जातिवाद के खात्मे को बौद्ध धर्म ग्रहण करूंगा…..’ आगरा से जाने के बाद उन्होंने नागपुर (महाराष्ट्र) में बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। उन्होंने धर्म परिवर्तन की नींव आगरा में डाली थी।
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प्रतिमा की स्थापित
रामलीला मैदान, आगरा में सभा करने के बाद बाबा साहब ने चक्कीपाट में तथागत महात्मा बुद्ध की प्रतिमा अपने हाथों से स्थापित की। मूर्ति आज भी पूर्वोदय बुद्ध विहार में देखी जा सकती है। जुलाई 1957 को बौद्ध भिक्षु कौडिन्य ने आगरा आकर विशाल बुद्ध विहार का निर्माण कराया। सन 1967 में इसकी देखभाल के लिए बुद्ध विहार प्रबंध समिति बनाई गई, जो वर्तमान में भी इसकी देखरेख का जिम्मा संभाल रही है।
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