सुबह से शुरू हुआ कार्यक्रम
प्रातः सबसे पहले ऊपरी मंजिल से क्रमशः एक एक करके नीचे दरबार हॉल तक यह क्रम जारी रहा। छोटे छोटे बच्चे विशेष कर 4 साल से लेकर 75 साल की महिलाओं तक सभी ने अपने गुरुजी के शहादत स्थल की सेवा करने के लिए व्याकुलता थी, कि उस गुरु के अंतिम पड़ाव के उस स्थल की सेवा करके अपने आप को धन्य समझ रहे थेय, जिन्होंने देश, धर्म एवं समाज की रक्षा के खातिर अपनी शहादत दी। नीचे भोरा साहिब (वह स्थल जहा गुरु जी नो दिन नजर बंद रहे थे) की सेवा के कतार बद्ध होकर अपने बारी का इन्तजार कर रहे थे।
प्रातः सबसे पहले ऊपरी मंजिल से क्रमशः एक एक करके नीचे दरबार हॉल तक यह क्रम जारी रहा। छोटे छोटे बच्चे विशेष कर 4 साल से लेकर 75 साल की महिलाओं तक सभी ने अपने गुरुजी के शहादत स्थल की सेवा करने के लिए व्याकुलता थी, कि उस गुरु के अंतिम पड़ाव के उस स्थल की सेवा करके अपने आप को धन्य समझ रहे थेय, जिन्होंने देश, धर्म एवं समाज की रक्षा के खातिर अपनी शहादत दी। नीचे भोरा साहिब (वह स्थल जहा गुरु जी नो दिन नजर बंद रहे थे) की सेवा के कतार बद्ध होकर अपने बारी का इन्तजार कर रहे थे।
चलता रहा सतनाम वाहेगुरु का जाप
गुरु तेग बहादुर हिन्द की चादर…, करके कोई देख लो सेवा नू लगदा मेवा…,
का सिमरन बीच बीच में होता रहा। समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि 1 दिसंबर शहीदी गुरुपर्व पर प्रातः 10 बजे से 2 बजे तक मुफ्त मेडिकल कैंप दिव्य सेवा द्वारा लगाया जाएगा। शाम को 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक कीर्तन दरबार होगा, जिसमें भाई सरबजीत सिंह, भाई संदीप सिंह नुरपुरी के अतिरिक्त गुरु के ताल के हजूरी रागी एवम् कथा वाचक कथा एवम् कीर्तन से संगत को निहाल करेंगे। संत बाबा प्रीतम सिंह ने समूह आगरा वासियों को भाग लेने की अपील की है।