ये था मामला
ये मामला सुबह छह बजे का है। बताया गया है कि ताजमहल का दीदार करने के लिए जर्मन से 35 लोगों का एक दल आया हुआ था। इस दल के आने की खबर पर पहले ही आगरा से टिकट कुछ लॉकल गाइडों से खरीदने के लिए बोल दिया गया। दल जैसे ही आगरा पहुंचा, तो उसे 35 टिकट दे दी गईं, इसके साथ शू कवर भी दिए गए। भीड़ अधिक होने की वजह से दल के सदस्या लाइन में लगे हुए थे। जब चैकिंग हुई, तो इनकी टिकट फर्जी पाईं गईं, जिसके बाद इन पर्यटकों को ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया। हैरत की बात ये थी, कि फर्जी टिकट एक दो नहीं, बल्कि पूरी 31 थीं, जिससे पर्यटकों का ये दल भी गुस्से से आग बबूला हो गया।
ये मामला सुबह छह बजे का है। बताया गया है कि ताजमहल का दीदार करने के लिए जर्मन से 35 लोगों का एक दल आया हुआ था। इस दल के आने की खबर पर पहले ही आगरा से टिकट कुछ लॉकल गाइडों से खरीदने के लिए बोल दिया गया। दल जैसे ही आगरा पहुंचा, तो उसे 35 टिकट दे दी गईं, इसके साथ शू कवर भी दिए गए। भीड़ अधिक होने की वजह से दल के सदस्या लाइन में लगे हुए थे। जब चैकिंग हुई, तो इनकी टिकट फर्जी पाईं गईं, जिसके बाद इन पर्यटकों को ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया। हैरत की बात ये थी, कि फर्जी टिकट एक दो नहीं, बल्कि पूरी 31 थीं, जिससे पर्यटकों का ये दल भी गुस्से से आग बबूला हो गया।
इनके द्वारा दिए गए टिकट
फर्जी टिकट की सूचना मिलते ही एएसआई के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इस मामले की जांच की गई, तो पता चला कि ये टिकट आगरा के तीन लोकल गाइड जिनका नाम रूपेश, नीरज और बॉबी बताया गया है, उनके द्वारा इस दल को बेचे गए थे। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ये टिकट कम्प्यूटराइज्ड थे और एक माह पुराने थे। इस मामले में अधिकारियों ने जांच की बात कही। उधर इस मामले में ग्रुप लीडर ने लिखित में इसकी शिकायत एएसआई विभाग को दी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले की शिकायत दिल्ली भी की गई है। बाद में ग्रुप लीडर ने दोबारा से टिकट मंगवाने के बाद इस विदेशी दल को ताजमहल में प्रवेश कराया।
फर्जी टिकट की सूचना मिलते ही एएसआई के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इस मामले की जांच की गई, तो पता चला कि ये टिकट आगरा के तीन लोकल गाइड जिनका नाम रूपेश, नीरज और बॉबी बताया गया है, उनके द्वारा इस दल को बेचे गए थे। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ये टिकट कम्प्यूटराइज्ड थे और एक माह पुराने थे। इस मामले में अधिकारियों ने जांच की बात कही। उधर इस मामले में ग्रुप लीडर ने लिखित में इसकी शिकायत एएसआई विभाग को दी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले की शिकायत दिल्ली भी की गई है। बाद में ग्रुप लीडर ने दोबारा से टिकट मंगवाने के बाद इस विदेशी दल को ताजमहल में प्रवेश कराया।