एक साथ हजारों लोगों द्वारा अल्लाह की इबादत करना एक सुंदर दृश्य था।
माना जाता है कि पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी।
इस दिन मीठे पकवान बनाए और खाए जाते हैं। अपने से छोटों को ईदी दी जाती है। दान देकर अल्लाह को याद किया जाता है।
इस दान को इस्लाम में फितरा कहते हैं। इसीलिए भी इस ईद को ईद उल-फितर (Eid Ul Fitr) कहा जाता है।
इस ईद में सभी आपस में गले मिलकर अल्लाह से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।