हर व्यक्ति सीख सकता है एम्स दिल्ली के डॉ. राकेश गर्ग ने बताया कि अचानक बातचीत करते हुए बेहोश हो जाने वाले मरीजों में 90 फीसदी हृदय रोगी होते हैं। जिन्हें समय पर हॉस्पीटल ले जाने के साथ सीपीआर मिल जाए तो 30-40 फीसदी की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व एसोसिएशन की मदद ली जा रही है। एमसीआई से मेडिकल व सीबीएसई कोर्स में इसे शामिल करने की भी बात चल रही है। इसके लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट द्वारा गाइड लाइन बी तैयार की गईं हैं। यह स्किल बेस्ड ट्रेनिंग है जिसे हर व्यक्ति सीख सकता है। देश की आबादी के अनुसार यहां लगभग 15-20 फीसदी लोग यानि हर घर में एक व्यक्ति ट्रेंड होना चाहिए। यह हमारा लक्ष्य है।
दो लाख लोगों को प्रशिक्षण आंध्र प्रदेश के डॉ. चक्रा राव (चेयरमैन इंडियन रीसेसीटेशन काउंसिल) ने बताया कि हृदय रोग दिवस पर लगभग दो लाख से अधिक लोगों को देश के विभिन्न शहरों में इसके लिए ट्रेनिंग दी गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के सचिव डॉ. रणवीर त्यागी, डॉ. दीप्तीमाला अग्रवाल, डॉ. राकेश त्यागी, डॉ. वंदना कालरा, एएमयू के डॉ. मोईद अहमद, अहमदाबाद से राशीश दिवान, डॉ. राधिका रानी चंद्रा, डॉ. बसजीत सिंह, डॉ. रजनी गुप्ता, केरल से डॉ. पॉल ओरकियल, डॉ. सीमान्तीकम घोष आदि मौजूद थे।
कैसे करें सीपीआर बात करते-करते कोई व्यक्ति गिर जाए और अभिव्यक्त न करें तो सबसे पहले उसे लिटा लें। हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए एम्बुलेंस बुलाएं। एम्बुलेंस आने तक छाती के बीच के हिस्से में प्रति मिनट 120 बार 5-6 सेमी तक दबाए।
26 को अश्वनी कुमार चौबे करेंगे उद्घाटन कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 26 नवम्बर को शाम 7 बजे मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनि कुमार चौबे करेंगे। विशिष्ट अतिथि होंगे सांसद रामशंकर कठेरिया व स्वामी मुक्तनाथानन्द महाराज (सचिव श्रीरामकृष्ण मिशन सेवाश्रम)।