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फर्जी सरकारी शिक्षकों ने बढ़ा दी बच्चों की टेंशन

locationआगराPublished: Dec 13, 2017 02:27:37 pm

फर्जी शिक्षक नहीं जा रहे स्कूल, एक महीने का वेतन भी शासन से नहीं आया

fake teacher
आगरा। बीएड की मार्कशीट फर्जी लगाकर नौकरी करने वाले शिक्षकों से अब शिक्षा विभाग परेशान है। स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम एसआईटी की रिपोर्ट के बाद शासन के निर्देश पर जनपद में जिन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए थे, उन शिक्षकों ने अब स्कूल जाना भी बंद कर दिया है। शिक्षकों के स्कूल न पहुंचने के कारण शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। फर्जी शिक्षक प्रकरण में 234 शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं।
अभिलेखों की जांच के चलते मिली है हाईकोर्ट से राहत
234 फर्जी शिक्षकों को फर्जी पाया गया था। एसआईटी की जांच के बाद शासन के निर्देश पर जिले में अब तक जिन शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए गए थे, उन पर कार्रवाई की तैयारी थी। लेकिन, हाईकोर्ट से आगरा के कई शिक्षकों ने स्टे ले लिया। ऐसे में पूरा मामला गड़बड़ा गया। बता दें कि इन शिक्षकों के अभिलेखों की जांच के बाद बीएसए ने सेवा समाप्ति के नोटिस जारी किए थे। इनमें से कई शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय को अपना स्पष्टीकरण दे दिया था। लेकिन, इसी बीच नगर निकाय चुनाव और हाईकोर्ट का स्टे आ गया।
कई विद्यालयों में शिक्षा प्रभावित
नोटिस जारी होने के बाद कई शिक्षकों ने स्कूलों जाना बंद कर दिया। ऐसे में दर्जनों स्कूलों की शिक्षा गड़बड़ा गई है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई स्कूल एकल हो गए हैं। स्टे के चलते शासन के आदेश आने के चलते ऐसे शिक्षकों पर आगे की कार्रवाई के लिए विभाग इंतजार कर रहा है। इन शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि जब विश्विविद्यालय ने उनकी परीक्षा कराई। महाविद्यालय ने उनका प्रवेश लिया तो उनके साथ गड़बड़ी कैसे हुई। मैनेजमेंट कोटे से बीएड करने वाले लोगों को राहत मिल सकती है, ऐसा जानकार मानकर चल रहे हैं। क्योंकि विश्वविद्यालय ने उनकी परीक्षा कराई है और प्रवेश दिया है तो इसके लिए विश्वविद्यालय जिम्मेदार है, अभ्यर्थी नहीं।

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