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सीकरी के गांव में पानी ही पानी, मुश्किल में जिंदगानी

locationआगराPublished: Oct 03, 2017 02:42:07 pm

शिकायतकर्ता सज्जन सिंह ने फोन पर कहा कि आज भी गांव में पानी भरा हुआ है। मेरी बात झूठी है तो सौ जूते मारना।

nagla laldas

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आगरा। एक तरफ़ सरकार शौचालय और सफाई का संदेश देकर ग्रामीणों को जागरूक करने का संदेश दे रही है, ठीक इसके विपरीत प्रधान और सचिव सरकार के इस मिशन को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। प्रधान और सचिव ने मिलकर नालियों का गंदा पानी बस्ती में छोड़ दिया है। ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। गाँव में संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों ने प्रधान और सचिव की खुली दबंगई की जिलाधिकारी से लिखित शिकायत की है। सुनवाई न होने पर गाँव से पलायन की चेतावनी दी है।
नगला लालजीत का मामला
तहसील किरावली के गाँव नगला लाल दास निवासी ग्रामीण सज्जन सिंह पुत्र सूबेदार सिंह का आरोप है कि ग्राम प्रधान पति और सचिव के संरक्षण में दबंगों ने गाँव की पोखरों पर अवैध कब्जा कर लिया है। दबंगों ने पोखर पर अवैध रूप से मकान बना लिए हैं। इसके चलते पोखर की खोदाई और सफाई नहीं हो पा रही है। नालियों के गंदे पानी का निकास बस्ती की तरफ़ कर दिया है। नालियों का गंदा पानी बस्ती के ठीक बीचों बीच भर गया है। इससे ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। गंदा पानी भरने के चलते संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। प्रधान और सचिव की मनमानी और खुली दबंगई से ग्रामीण काफी परेशान हैं।
नहीं हो रही कार्रवाई
ग्रामीणों ने इस मामले की लिखित शिकायत जिलाधिकारी आगरा गौरव दयाल से की है। ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो सभी ग्रामीणों को गाँव से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। शिकायतकर्ताओं में हेमलता, पप्पू सिंह, मनोज कुमार, बबलू, सुरेश सिंह, मुनेश सिंह, भूदेव आदि के नाम प्रमुख हैं।
कब-कब की शिकायत
सज्जन सिंह ने 22 मार्च, 2017 को उप जिलाधिकारी से शिकायत की कि गंदे पानी का निकास उसके खेत में कर दिया गया है। उप जिलाधिकारी ने जांच के लिए मौके पर पंचायत सचिव विजय सारस्वत को भेजा। आरोप है कि पंचायत सचिव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर लो, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। छह जून, 2017 को तहसील दिवस में शिकायत की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर 23 अगस्त, 2017 को जिलाधिकारी से शिकायत की गई। इसके बाद भी समस्या वहीं की वहीं है। सज्जन सिंह का कहना है कि पानी पोखर में जाता है, जिसका रास्ता रोक दिया है। पोखर पर अवैध कब्जे हो गए हैं। ढलान बदल दिया है। अगर मेरी बात झूठी है तो सौ जूते मारना। कोई भी भी मौके पर आकर देख सकता है। आज भी पानी भरा हुआ है।
पंचायत सचिव की बात
दूसरी ओर पंचायत सचिव विजय सारस्वत ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। जिस तरफ पानी भरा हुआ है, उसी तरफ ढलान है। अब प्राकृतिक ढलान को तो बदला नहीं जा सकता है। कुछ लोग हैं, जो विवाद कर रहे हैं। ग्रामवासियों को आपस में मिलकर समस्या का समाधान कर लेना चाहिए। जहां तक फोटो में पानी भरा हुआ दिखाई देने की बात है, तो किसी तालाब के किनारे से फोटो खींचकर इस तरह से बनाया जा सकता है।
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