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इलाज के लिए अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में प्रत्येक बुधवार और गुरुवार को विशेष क्लबफुट क्लीनिक का आयोजन किया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम की ओर से संदर्भित किये गये बच्चों को निःशुल्क जिप्सोना बैन्डेज प्लास्टर चढ़ाया जाता है। प्लास्टर हटने के बाद बच्चों को मिराकेल फीड इण्डिया संस्था की तरफ से एक विशेष प्रकार के जूते ब्रासेस उपलब्ध कराये जाते हैं।
इलाज के लिए अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में प्रत्येक बुधवार और गुरुवार को विशेष क्लबफुट क्लीनिक का आयोजन किया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम की ओर से संदर्भित किये गये बच्चों को निःशुल्क जिप्सोना बैन्डेज प्लास्टर चढ़ाया जाता है। प्लास्टर हटने के बाद बच्चों को मिराकेल फीड इण्डिया संस्था की तरफ से एक विशेष प्रकार के जूते ब्रासेस उपलब्ध कराये जाते हैं।
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एनएचएम के डीईआईसी मैनेजर रमाकान्त ने बताया कि राष्ट्रीयय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से जिला अस्पताल को पत्र लिखकर निःशुल्क जिप्सोना बैन्डेज उपलब्ध कराने को कहा गया है। बीते 3 अक्टूबर को इसी आदेश के पालन में जिला अस्पताल के सीएमएस ने जिप्सोना बैन्डेज उपलब्ध करा दिये हैं। उन्होंने बताया कि टेढ़े पंजों की बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाये उतने ही अच्छे परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि पांच दिन के नवजात शिशु अगर इस बीमारी से ग्रसित है, तो उसका इलाज शुरु किया जा सकता है।
एनएचएम के डीईआईसी मैनेजर रमाकान्त ने बताया कि राष्ट्रीयय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से जिला अस्पताल को पत्र लिखकर निःशुल्क जिप्सोना बैन्डेज उपलब्ध कराने को कहा गया है। बीते 3 अक्टूबर को इसी आदेश के पालन में जिला अस्पताल के सीएमएस ने जिप्सोना बैन्डेज उपलब्ध करा दिये हैं। उन्होंने बताया कि टेढ़े पंजों की बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाये उतने ही अच्छे परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि पांच दिन के नवजात शिशु अगर इस बीमारी से ग्रसित है, तो उसका इलाज शुरु किया जा सकता है।
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मिराकेल फीड इण्डिया संस्था के जिला समन्वयक अभिनव ने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे के इलाज के दौरान पांच बार प्लास्टर चढ़ाया जाता है। प्रत्येक प्लास्टर में तीन सौ रुपये की लागत का जिप्सोना बैन्डेज लगता था। पांच बार में पंद्रह सौ रुपये बच्चे के परिवार को खर्च करने पड़ते थे। लेकिन सरकार की तरफ से यह निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने से लोग की परेशानी कम हो जायेगी। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश वर्मा ने बताया कि जन्मजात टेढ़े पंजों की बीमारी से ग्रसित से बच्चों के इलाज में लगने वाले जिप्सोना बैन्डेज को रोगी कल्याण समिति के माध्यम से पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध करा दिया गया है।
मिराकेल फीड इण्डिया संस्था के जिला समन्वयक अभिनव ने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे के इलाज के दौरान पांच बार प्लास्टर चढ़ाया जाता है। प्रत्येक प्लास्टर में तीन सौ रुपये की लागत का जिप्सोना बैन्डेज लगता था। पांच बार में पंद्रह सौ रुपये बच्चे के परिवार को खर्च करने पड़ते थे। लेकिन सरकार की तरफ से यह निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने से लोग की परेशानी कम हो जायेगी। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश वर्मा ने बताया कि जन्मजात टेढ़े पंजों की बीमारी से ग्रसित से बच्चों के इलाज में लगने वाले जिप्सोना बैन्डेज को रोगी कल्याण समिति के माध्यम से पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध करा दिया गया है।