गजराज सिंह के बारे में
गजराज सिंह भाजपा के काफी पुराने कार्यकर्ता और खंदारी के वार्ड 47 से पार्षद थे। गजराज सिंह सांसद रामशंकर कठेरिया के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। इस वार्ड में गजराज सिंह की अच्छी पकड़ है। गजराज ने विभिन्न पदों पर रहकर संघ में 20 वर्ष से अधिक काम किया है। माना जा रहा है, कि उनके पार्टी छोड़ने से यहां भाजपा को नुकसान तो वहीं बसपा को फायदा होगा।
गजराज सिंह भाजपा के काफी पुराने कार्यकर्ता और खंदारी के वार्ड 47 से पार्षद थे। गजराज सिंह सांसद रामशंकर कठेरिया के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। इस वार्ड में गजराज सिंह की अच्छी पकड़ है। गजराज ने विभिन्न पदों पर रहकर संघ में 20 वर्ष से अधिक काम किया है। माना जा रहा है, कि उनके पार्टी छोड़ने से यहां भाजपा को नुकसान तो वहीं बसपा को फायदा होगा।
ये है मामला
गजराज सिंह वार्ड 47 खंदारी से पार्षद थे। नए परसीमन में इसमें से दो वार्ड बना दिए गए हैं। इसमें से खंदारी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया है, वहीं बाग फरजाना नया वार्ड बन गया है। गजराज सिंह ने इसी अनारक्षित सीट से दावेदारी की थी। इस सीट से आरएसएस के विभाग संघचालक के पुत्र ने भी आवेदन किया है। संघ पदाधिकारी का पुत्र होने के कारण पार्टी में उनकी टिकट मिलने की उम्मीद टूट गई थी।
गजराज सिंह वार्ड 47 खंदारी से पार्षद थे। नए परसीमन में इसमें से दो वार्ड बना दिए गए हैं। इसमें से खंदारी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया है, वहीं बाग फरजाना नया वार्ड बन गया है। गजराज सिंह ने इसी अनारक्षित सीट से दावेदारी की थी। इस सीट से आरएसएस के विभाग संघचालक के पुत्र ने भी आवेदन किया है। संघ पदाधिकारी का पुत्र होने के कारण पार्टी में उनकी टिकट मिलने की उम्मीद टूट गई थी।
बसपा की ली सदस्यता
टिकट न मिलने से आहत गजराज ने शास्त्रीनगर, आजाद नगर, ओम नगर, ओम विहार सहित इलाके के क्षत्रिय समाज के लोगों की बैठक बुलाई। बहुजन समाज पार्टी के मेयर प्रत्याशी दिगंबर सिंह धाकरे भी पहुंचे। चर्चा के बाद निर्णय लिया गया, कि बसपा में शामिल होने के बाद भी समाज उनका साथ देगा। इस फैसले के बाद उन्होंने बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके साथ ही बसपा प्रत्याशी ने गजराज को चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया।
टिकट न मिलने से आहत गजराज ने शास्त्रीनगर, आजाद नगर, ओम नगर, ओम विहार सहित इलाके के क्षत्रिय समाज के लोगों की बैठक बुलाई। बहुजन समाज पार्टी के मेयर प्रत्याशी दिगंबर सिंह धाकरे भी पहुंचे। चर्चा के बाद निर्णय लिया गया, कि बसपा में शामिल होने के बाद भी समाज उनका साथ देगा। इस फैसले के बाद उन्होंने बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके साथ ही बसपा प्रत्याशी ने गजराज को चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया।