अब नहीं होगी देरी
‘गंगाजल’ प्रोजेक्ट का कार्य समय पर पूरा न होने के कारण इसकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है। पहले यह प्रोजेक्ट 2015 में पूरा होने की बात कही जा रही थी, लेकिन बाद में इसकी समय सीमा 2016 कर दी गई, इसके बाद 2017 भी गुजर गया, लेकिन ये प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर उम्मीद दिलाई, तो आश बंध गई। अब ये प्रोजेक्ट मार्च 2018 तक पूरा होना है। विधायक योगेंद्र उपाध्याय बुलन्दशहर गंगा जल पाइप लाइन का निरीक्षण करने के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके साथ में गंगाजल प्रोजेक्ट के जनरल मैनेजर पियूष पंकज, भाजपा नेता केके भारद्वाज, सुनील करमचंदानी भी हैं।
पानी की बड़ी जरूरत
पेयजल की समस्या आगरा के लिए नई नहीं है। आगरावासियों की जरूरत पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि मास्टरप्लान के मुताबिक 2001 में शहर की प्यास बुझाने के लिए 400 एमएलडी पानी की जरूरत थी, जबकि वर्तमान में आगरा को 700 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। वहीं 2026 तक के लिए बने ‘गंगाजल’ प्रोजेक्ट की क्षमता महज 325 एमएलडी ही है, जबकि 2026 तक शहर को प्यास बुझाने के लिए इससे कहीं बहुत अधिक पानी की जरूरत होगी।
पेयजल की समस्या आगरा के लिए नई नहीं है। आगरावासियों की जरूरत पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि मास्टरप्लान के मुताबिक 2001 में शहर की प्यास बुझाने के लिए 400 एमएलडी पानी की जरूरत थी, जबकि वर्तमान में आगरा को 700 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। वहीं 2026 तक के लिए बने ‘गंगाजल’ प्रोजेक्ट की क्षमता महज 325 एमएलडी ही है, जबकि 2026 तक शहर को प्यास बुझाने के लिए इससे कहीं बहुत अधिक पानी की जरूरत होगी।
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