सीएम से मिले विधायक
इस भूमि के लिए स्थानांतरण कार्य पूर्ण हो गया है। विधायक ने बताया कि इस बाधा को दूर करने के लिए वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव से मिले और वार्ता कर इन कठिनाइयों के बारे में बताया। इन्ही समस्याओं के निराकरण के लिए प्रभावी दाबव बनाने के लिए विधायक के आमंत्रण पर उत्तर प्रदेश विधानमंडल दल की सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम समिति के सदस्यों ने सभापति रामचन्द्र यादव के नेतृत्व में 17 व 18 जनवरी को आगरा व मथुरा जाकर बाधा स्थलों का दौर कर संबंधित अधिकारियों को प्रभावी निर्देश दिए। जिसके फलस्वरूप बाबरपुर बाईंपु आरक्षित वन क्षेत्र में पाईप लाईन बिछाने के लिए जल निगम द्वारा वन भूमि की लगभग सवा दस हेक्टेयर भूमि को अस्थायी रूप से प्रयोग किया गया था। इसके एवज में सवा दस हेक्टयर वन भूमि वन विभाग को निर्गत कर समस्या का समाधान कराया गया है।
इस भूमि के लिए स्थानांतरण कार्य पूर्ण हो गया है। विधायक ने बताया कि इस बाधा को दूर करने के लिए वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव से मिले और वार्ता कर इन कठिनाइयों के बारे में बताया। इन्ही समस्याओं के निराकरण के लिए प्रभावी दाबव बनाने के लिए विधायक के आमंत्रण पर उत्तर प्रदेश विधानमंडल दल की सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम समिति के सदस्यों ने सभापति रामचन्द्र यादव के नेतृत्व में 17 व 18 जनवरी को आगरा व मथुरा जाकर बाधा स्थलों का दौर कर संबंधित अधिकारियों को प्रभावी निर्देश दिए। जिसके फलस्वरूप बाबरपुर बाईंपु आरक्षित वन क्षेत्र में पाईप लाईन बिछाने के लिए जल निगम द्वारा वन भूमि की लगभग सवा दस हेक्टेयर भूमि को अस्थायी रूप से प्रयोग किया गया था। इसके एवज में सवा दस हेक्टयर वन भूमि वन विभाग को निर्गत कर समस्या का समाधान कराया गया है।
मिली सफलता
जिलाधिकारी फिरोजाबाद के द्वारा अधिसूचित धनराशि 16.681 करोड़ फिरोजाबाद के कोषागार में जमा करा दी गई है, जिसके उपरांत चयनित भूमि वन विभाग के नाम स्थानांतरित कर दी गई है। इस प्रकार गंगाजल परियोजना की पाईप लाइन बिछाने में आने वाली बड़ी रुकावट दूर हो गई है।
जिलाधिकारी फिरोजाबाद के द्वारा अधिसूचित धनराशि 16.681 करोड़ फिरोजाबाद के कोषागार में जमा करा दी गई है, जिसके उपरांत चयनित भूमि वन विभाग के नाम स्थानांतरित कर दी गई है। इस प्रकार गंगाजल परियोजना की पाईप लाइन बिछाने में आने वाली बड़ी रुकावट दूर हो गई है।