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अल्ट्रासाउंड मशीन के बिना हो रहा था जेंडर टेस्ट, चौंकाने वाला हुआ खुलासा

locationआगराPublished: Jan 13, 2018 09:24:22 am

राजस्थान की टीम ने जब छापा मारा, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।

आगरा। अल्ट्रासाउंड मशीन के बिना जेंडर टेस्ट कैसे किया जा सकता है, आप भी चौंक गए ना। लेकिन आवास विकास कॉलोनी में इंटर पास युवक तीन माह से बिना अल्ट्रासाउंड मशीन के ही जेंडर टेस्ट कर रहा था। आखिर क्या नई तकनीकि थी, ये सोचने वाली बात थी। राजस्थान की टीम ने जब छापा मारा, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। टीम ने एक महिला सहित दो लोगों को दबोचा है।
यहां का है मामला
जगदीशपुरा के आवास विकास कॉलोनी में तीन माह पहले मैक्स डायग्नोस्टिक एंड पैथोलॉजी सेंटर खुला था। यहां फर्जी तरीके से जेंडर टेस्ट किया जा रहा था। जानकारी मिलने पर राजस्थान की टीम यहां पहुंची। दलाल के माध्यम से सेंटर के संचालक से बात हुई। उसे जेंडर टेस्ट करने के बीस हजार रुपये देने के बाद जांच को गर्भवती महिला बुलाई गई। वहां कुर्सी पर सामान्य मॉनीटर रखा था, जिस पर तौलिया पड़ी थी। सेंटर संचालक अजय उपाध्याय और उसकी एक महिला कर्मचारी ने बच्चों की हृदय की धड़कन की जांच में काम आने वाले फीटल डाप्लर से फर्जी तरीके से गर्भवती महिला की जांच की और भ्रूण के जेंडर की झूठी जानकारी दे दी। टीम ने देखा तो वहां कोई अल्ट्रासाउंड मशीन ही नहीं थी।

किया गिरफ्तार
राजस्थान की टीम ने सेंटर के संचालक अजय उपाध्याय पुत्र श्री बसंतलाल निवासी विकास कॉलोनी, बोदला-सिकन्दरा रोड और प्रीति कुलश्रेष्ठ निवासी अवधपुरी बोदला को गिरफ्तार कर लिया। मौके से मिले उपकरणों को भी जब्त कर लिया। इसके बाद टीम आरोपियों को अपने साथ ले गई। पीसीपीएनडीटी भरतपुर के समन्वयक प्रवीण चौधरी के अनुसार आरोपी सेंटर संचालक ने पूछताछ में बताया कि वह इंटर पास है और उसने तीन माह पहले सेंटर खोला था। केवल खून की जांच की मशीन खरीदी थी। अल्ट्रासाउंड मशीन महंगी थी, इसलिए नहीं खरीदी। वे फर्जी तरीके से मॉनीटर और फीटल डाप्लर के माध्यम से ही भ्रूण जेंडर परीक्षण करते थे।

अंदाज से बता थे कि लड़का है या लड़की
आरोपी सेंटर संचालक ने बताया कि वे अंदाज से ही भ्रूण का जेंडर बता देते थे। वहां आने वाली गर्भवती में से एक का लड़का तो दूसरी को लड़की होने की जानकारी देते थे। तीन माह में वे सैकड़ों लोगों को फर्जी जेंडर परीक्षण कर ठग चुके हैं।

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