शासन सचिव की ओर से 28 नवंबर 2018 को कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि 25 मई 2012 को संबद्ध प्राइमरी में नियुक्ति के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों को अधिकार दिया गया। आठ अप्रेल 2013 को शासनादेश जारी कर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के संबद्ध प्राइमरी में रिक्त पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता के साथ टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया था। इसके बाद भी आगरा में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से ऐसे शिक्षकों को नियुक्ति के लिए अनुमोदन दिया गया जो टीईटी पास नहीं थे।
नियमानुसार नियुक्ति निरस्त किए जाने का आदेश जारी किया गया। शासनादेश के अनुपालन में माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडे ने पांच दिसंबर 2018 को मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेजा है। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव ने जिन सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के संबद्ध प्राइमरी में बिना टीईटी उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों का चयन किया है, उनको निरस्त करने के लिए कहा है।
जानकारी के मुताबिक आगरा में करीब चार विद्यालयों में 16 से 17 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। ये शिक्षक टीईटी पास नहीं हैं। बताया जा रहा है नियुक्ति निरस्त किए जाने के आदेश के बाद शिक्षक काफी परेशान हैं और कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।