
Heavy Rain
आगरा। तप्त धरा को शीतलता प्रदान करती है बारिश। किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाती है बारिश। लॉन्ग ड्राइव पर जाने की विवश करती है बारिश। गर्मागर्म पकौड़े खाने की चाह जाग्रत करती है बारिश। इसके साथ ही ताजमहल के शहर आगरा में डर पैदा करती है बारिश। जरा सी बारिश होती है तो दिल सोचता है कि कहीं पानी घर और दुकान में न घुस जाए। इसलिए आशंकित हो जाते हैं लोग।
बोदला
बात शुक्रवार दोपहर की करें। मैं शास्त्रीपुरम (सिकंदरा) से गोविन्दनगर (शाहगंज) के लिए चला। बोदला पर बारिश होने लगी। करीब दस मिनट की बारिश में जलभराव हो गया। बोदला से आगे बूंदाबांदी हो रही थी। मानस नगर पर सूखा पड़ा हुआ था। गोविन्द नगर (शाहगंज) में भी सूखा था। निर्धारित स्थल पर पहुंचे गए। करीब एक घंटे बाद यानी दो बजे के आसपास जमकर बारिश होने लगी। मैं जिस कार्यालय में था, उसमें अंदर तक पानी आ गया।
गोविन्द नगर की सड़क बन गई नदी
बाहर आकर देखा तो भौंचक रह गया। सड़क लबालब हो गई। ऐसा लगा कि यहां होकर कोई नदी बह रही थी। पानी तेज गति के साथ बह रहा था। पास में सिम्बोजिया स्कूल है। बारिश के दौरान ही स्कूल की छुट्टी हुई। बड़े वाहनों में जाने वाले बच्चे तो निकल गए, लेकिन जो दोपहिया वाहनों से जाते हैं, वे फँस गए। हिम्मत करके अभिभावक बच्चों को लेकर निकले। आखिर लम्बा इंतजार भी तो नहीं कर सकते हैं। सबको काम है। गोविन्द नगर में आसपास का पानी भी आता है।
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फँसकर रह जाते हैं लोग
गोविन्द नगर में कोठियों की कीमत करोड़ों में है। हर तरह की सुविधा है। समस्या है तो इस बात की कि जलभराव का कोई इलाज नहीं है। हर बारिश में ऐसे ही पानी भरता है। जो जहां है, वहीं पर फँसकर रह जाता है। यहां दुकानें भी हैं। दुकानदारों ने जलभराव से बचने के लिए अस्थाई इंतजाम कर रखा है। नगर निगम वाले भी सोचते हैं कि तीन महीने की बात है, फिर कोई समस्या नहीं रहेगी।
पुष्प पुनीत विला
मुझे अपने कार्यालय जाना था। पैंट ऊपर चढ़ाई और पानी में होता हुआ स्कूटी तक पहुंची। जैसे-तैसे स्कूटी स्टार्ट की। मानस नगर से आगे पुष्प पुनीत विला तक आया तो सड़क के दोनों ओर जलभराव दिखाई दिया। पानी इतना भरा हुआ था कि चारपहिया वाहन भी आगे जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। इस कारण जाम लग गया। धीरे-धीरे यहां से वाहन निकल रहे थे।
बोदला में दुकानों के मुहाने तक पानी
मारुति एस्टेट चौराहा से बोदला की ओर सड़क के दोनों ओर पानी भरा हुआ था। इतना नहीं नहीं था कि वाहन निकलने में समस्या आए। बोदला चौराहे पर फिर पानी भरा हुआ मिला। बोदला चौराहा से सिकंदरा की ओर चलें तो दुकानों के मुहाने तक पानी था। दुकानदारों ने ईंटें लगकार पानी का रास्ता रोक दिया है, वरना पानी तो अंदर घुसने के लिए आतुर था।
ईंट मंडी से पश्चिमपुरी चौराहा
ईंट मंडी से पश्चिमपुरी चौराहा की ओर चले तो सड़क पर स्थान-स्थान पर जलभराव मिला। आवासीय कॉलोनी और होटल के आगे पानी भरा हुआ था। सबसे अधिक खराब स्थिति तो फ्रेंड्सपुरम कॉलोनी के सामने दिखाई दी। एक तो यहा सड़क पहले से ही बहुत खराब है और ऊपर से जलभराव। कुछ नजर ही नहीं आ रहा था।
कपड़ों पर पानी की बौछार
जलभराव वाली सड़क पर अगर आपके बराबर कोई वाहन तेजी से गुजरे तो पानी की बौछार कपड़ों पर आती है। यही हाल मेरे साथ हुआ। कई बार इस स्थिति का सामना करना पड़ा। लोगों को यह भी नहीं पता कि जलभराव वाले स्थल पर वाहन की गति धीमा कर लें।
बारिश के दौरान रुकें नहीं
मनकामेश्वर मंदिर परिसर निवासी डॉ. कौशल नारायण शर्मा का कहना है कि आगरा में बारिश शुरू हो जाए तो कहीं रुके नहीं। सीधे गंतव्य की ओर दौड़ लगा दें। रुके तो रास्ते में जलभराव का सामना करना होगा। फिर रास्ता भी बंद हो जाएगा।
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Published on:
26 Jul 2019 06:15 pm
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