रामजी लाल विद्यार्थी की तरफ से दायर चुनाव याचिका में ओबीसी रहते हुए अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव लड़ने का आरोप है। रामजी लाल ने दायर याचिका में आरोप लगाया है कि एसपी सिंह बघेल गडरिया (पाल बघेल) जाति से तआल्लुक रखते हैं, जबकि उन्होंने धनगर जाति के नाम से अनुसूचीत जाति फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव लड़ा है। याचिका में कहा गया है कि धनगर जाति एससी की लिस्ट यानि प्रेसीडेंसियल लिस्ट में भी शामिल नहीं है। प्रेसीडेंसियल लिस्ट में धनगर की जगह ‘धनगड़’ जाति है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस हर्ष कुमार की एकल पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 अक्टूबर नियत की है।
बता दें कि एसपी सिंह बघेल चौथी बार संसद पहुंचे हैं। इससे पहले वह फिरोजाबाद की टूंडला विधानसभा सीट (सुरक्षित) से 2017 में विधायक चुने गए। इसके बाद वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। टूंडला से उनके निर्वाचन को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अपने कार्यकाल के बीच ही एसपी सिंह बघेल ने 2019 में आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अब एक बार फिर एसपी सिंह बघेल के इस निर्वाचन को भी जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए चुनौती दी गई है।