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सौ सीटों पर प्रवेश के लिए आपाधापी
आगरा के केंद्रीय हिन्दी संस्थान में हिन्दी भाषा सीखने के लिए हर वर्ष विदेशी छात्र छात्राएं आते हैं। यहां हिन्दी भाषा की सौ सीटें हैं। संस्थान के निदेशक प्रो.नंद किशोर पाण्डेय ने बताया कि सौ सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 50 विदेशी छात्राएं भारत में हिन्दी सीखने के लिए संस्थान आ चुके हैं जिनकी कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है। हर वर्ष सैकड़ों छात्र छात्राएं हिन्दी सीखने के लिए आवेदन करते हैं, जिनके चयन के आधार पर उन्हें यहां प्रवेश मिलता है। हिन्दी सीखने की ललक विदेशी छात्राओं में देखने को मिल रही है।
सौ सीटों पर प्रवेश के लिए आपाधापी
आगरा के केंद्रीय हिन्दी संस्थान में हिन्दी भाषा सीखने के लिए हर वर्ष विदेशी छात्र छात्राएं आते हैं। यहां हिन्दी भाषा की सौ सीटें हैं। संस्थान के निदेशक प्रो.नंद किशोर पाण्डेय ने बताया कि सौ सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक 50 विदेशी छात्राएं भारत में हिन्दी सीखने के लिए संस्थान आ चुके हैं जिनकी कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है। हर वर्ष सैकड़ों छात्र छात्राएं हिन्दी सीखने के लिए आवेदन करते हैं, जिनके चयन के आधार पर उन्हें यहां प्रवेश मिलता है। हिन्दी सीखने की ललक विदेशी छात्राओं में देखने को मिल रही है।
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केंद्रीय हिन्दी संस्थान में हिन्दी सीखने के लिए श्रीलंका, अर्मेनिया, रोमानिया, रूस, अजरबैजान, बुलगारिया, थाईलैंड, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, तुर्की, बांग्लादेश, चीन, अफगानिस्तान, फिलिपींस, तजाकिस्तान, सूरीनाम, यूक्रेन, इजिप्ट, वियतनाम, गुयाना, हंगरी, इटली, जापान, मंगोलिया, पोलैंड, उजबेकिस्तान के छात्र छात्राओं का चयन किया गया है। पहली बार कैमरून के छात्र हिन्दी सीखने के लिए चयनित किए गए हैं।
केंद्रीय हिन्दी संस्थान में हिन्दी सीखने के लिए श्रीलंका, अर्मेनिया, रोमानिया, रूस, अजरबैजान, बुलगारिया, थाईलैंड, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, तुर्की, बांग्लादेश, चीन, अफगानिस्तान, फिलिपींस, तजाकिस्तान, सूरीनाम, यूक्रेन, इजिप्ट, वियतनाम, गुयाना, हंगरी, इटली, जापान, मंगोलिया, पोलैंड, उजबेकिस्तान के छात्र छात्राओं का चयन किया गया है। पहली बार कैमरून के छात्र हिन्दी सीखने के लिए चयनित किए गए हैं।