हिंदी दिवस को 1953 से मनाया जा रहा
हिंदी दिवस को 1953 से मनाया जा रहा है। अंकों के आधार पर 14 सितम्बर को श्रेष्ठ दिन माना गया था और इसी दिन से हिंदी दिवस के रूप में मनाने के लिए घोषणा की गई। हालांकि जब राजभाषा के रूप में हिंदी का चयन हुआ तो कई गैर हिंदी भाषी प्रदेशों द्वारा इसका धुर विरोध किया गया और इसी के चलते अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा।
प्रभावित हो रही है हिंदी
गैर हिंदी भाषी राज्यों में अंग्रेजी को राजभाषा का दर्जा मिलने के कारण आज हिंदी काफी प्रभावित हो रही है। हिंदी सीखने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा गैर हिंदी भाषी राज्यों में सेंटर्स खोले गए हैं। नागालैंड, मिजोरम, असम आदि राज्यों के छात्र हिंदी सीखने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान में आते हैं। हिंदी दिवस को आज पूरे देश में मनाया जाता है। इसके लिए कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। हिंदी निंबध लेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता आदि होती हैं। अंग्रेजी के शब्दों के बोलचाल में बढ़ते चलन के कारण आज हिंदी भाषा के विलुप्त होने का डर सता रहा है। प्रो.बोगड़े का कहना है कि अंग्रेजी के शब्दों का बोलचाल का चलन कम करना होगा और हिंदी भाषा का अधिक से अधिक इस्तेमाल आम बोलचाल की भाषा में करना होगा।
गैर हिंदी भाषी राज्यों में अंग्रेजी को राजभाषा का दर्जा मिलने के कारण आज हिंदी काफी प्रभावित हो रही है। हिंदी सीखने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा गैर हिंदी भाषी राज्यों में सेंटर्स खोले गए हैं। नागालैंड, मिजोरम, असम आदि राज्यों के छात्र हिंदी सीखने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान में आते हैं। हिंदी दिवस को आज पूरे देश में मनाया जाता है। इसके लिए कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। हिंदी निंबध लेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता आदि होती हैं। अंग्रेजी के शब्दों के बोलचाल में बढ़ते चलन के कारण आज हिंदी भाषा के विलुप्त होने का डर सता रहा है। प्रो.बोगड़े का कहना है कि अंग्रेजी के शब्दों का बोलचाल का चलन कम करना होगा और हिंदी भाषा का अधिक से अधिक इस्तेमाल आम बोलचाल की भाषा में करना होगा।