ये कहते हैं विशेषज्ञ
डॉ. सेन का कहना है कि सड़क पर ढेरों गाड़ियां चलने से कार्बन के कण, हेवी मेटल पार्टिकल्स, इसके अलावा कचरा, सूखी पत्तियां आदि जलाने से निकले धुएं से मिलकर एक लेयर बन जाती है। ये लेयर आसमान में न जाकर ग्राउंड लेवल पर ही रह जाती है। इसे हम सामान्य भाषा में धुंध या स्मॉग कहते हैं। ये धुंध वैसे तो पूरे शरीर के लिए घातक है। लेकिन आंखों के लिए खासतौर पर, क्योंकि आंखें खुली रहती हैं। आंखें खुली होने के कारण धुंध प्रत्यक्ष रूप से आंखों को नुकसान पहुंचाती है।
डॉ. सेन का कहना है कि सड़क पर ढेरों गाड़ियां चलने से कार्बन के कण, हेवी मेटल पार्टिकल्स, इसके अलावा कचरा, सूखी पत्तियां आदि जलाने से निकले धुएं से मिलकर एक लेयर बन जाती है। ये लेयर आसमान में न जाकर ग्राउंड लेवल पर ही रह जाती है। इसे हम सामान्य भाषा में धुंध या स्मॉग कहते हैं। ये धुंध वैसे तो पूरे शरीर के लिए घातक है। लेकिन आंखों के लिए खासतौर पर, क्योंकि आंखें खुली रहती हैं। आंखें खुली होने के कारण धुंध प्रत्यक्ष रूप से आंखों को नुकसान पहुंचाती है।
हो सकती हैं ये परेशानियां
डॉ. सेन बताते हैंं कि धुंध से आंखों का वेटिंग सिस्टम यानी नमी प्रभावित होती है। इससे आंखों में चिकनाहट कम होने लगती है और सूखापन आने लगता है। वहीं जब आंखों में धुंध के जरिए कार्बन के कण, पार्टिकल्स व कीटाणु आदि जाते हैं तो आंखों से सुरक्षा के तौर कुछ एंजाइम्स निकलते हैं। इन एंजाइम्स और धुंध से आए कणों के मिश्रण के कारण आंखों से पानी आना, आंखें लाल होना, सूजन, जलन, खुजली जैसी तमाम समस्याएं पैदा होने लगती हैं। जिससे व्यक्ति को परेशानी होती है।
डॉ. सेन बताते हैंं कि धुंध से आंखों का वेटिंग सिस्टम यानी नमी प्रभावित होती है। इससे आंखों में चिकनाहट कम होने लगती है और सूखापन आने लगता है। वहीं जब आंखों में धुंध के जरिए कार्बन के कण, पार्टिकल्स व कीटाणु आदि जाते हैं तो आंखों से सुरक्षा के तौर कुछ एंजाइम्स निकलते हैं। इन एंजाइम्स और धुंध से आए कणों के मिश्रण के कारण आंखों से पानी आना, आंखें लाल होना, सूजन, जलन, खुजली जैसी तमाम समस्याएं पैदा होने लगती हैं। जिससे व्यक्ति को परेशानी होती है।
बचने के उपाय
1. दिनभर में आंखों को कई बार धोएं। खासतौर पर रात में सोने से पहले और सुबह उठने के बाद जरूर धोएं। 2. घर से निकलते समय गॉगल्स का प्रयोग जरूर करें। ये जरूरी नहीं कि गॉगल्स काले ही हों, आप पारदर्शी चश्मा भी पहन सकते हैं। आंखों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि धुंध सीधे तौर पर आंखों में न जाए।
1. दिनभर में आंखों को कई बार धोएं। खासतौर पर रात में सोने से पहले और सुबह उठने के बाद जरूर धोएं। 2. घर से निकलते समय गॉगल्स का प्रयोग जरूर करें। ये जरूरी नहीं कि गॉगल्स काले ही हों, आप पारदर्शी चश्मा भी पहन सकते हैं। आंखों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि धुंध सीधे तौर पर आंखों में न जाए।
3. कचरा व सूखी पत्तियां आदि न जलाएं क्योंकि धुंध बढ़ाने का ये एक अहम कारण है। 4. यदि उपरोक्त बताए उपायों के बावजूद समस्या बढ़े तो खुद डॉक्टर बनकर कोई आईड्रॉप आदि का प्रयोग न करें। किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।