2. पुलिस कर्मियों को स्वयं के स्वास्थ्य एवं अपने परिवार की देखभाल के निमित्त अवकाश प्रदान करने मे लचीला रुख अपनाया जाए, ताकि उनके मन में अवकाश को लेकर कुंठा न पनपने पाए। 3.थाना स्तर पर मूलभूत सुख-सुविधायुक्त एक कॉमन एरिया विकसित किया जाए, जहां पर पुलिस कर्मी राजकीय कार्य पूर्ण करने के बाद खाली समय में कुछ समय व्यतीत कर सकें और मन को बोझिल होने से बचा सकें।
4.नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए अच्छे वातावरण की आवश्यकता होती है। पुलिस कर्मियों के व्यवहार, समस्या एवं निदान के निमित्त हर माह कार्यशाला आयोजित की जाए। 5.प्रत्येक थाने पर मासिक सम्मेलन का आयोजन हो। अपर पुलिस अधीक्षक स्वयं उपस्थित रहकर काउंसलिंग करें।
6. थाना स्तर पर इस तरह का फंड रखा जाए, जिससे मनोरंजन और अन्य कल्याण संबंधी कार्य हो सकें। 7.कुछ कर्मी ऐसे भी हो सकते हैं जो अपने समस्याएं औरों के साथ साझा न कर पा रहे हों और अंदर कुंठित हो रहे हों। इनकी काउंसलिंग विशेषज्ञों से कराई जाए।
8. प्रत्येक माह पुलिस कर्मचारियों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाए। मनोवैज्ञानिक काउंसलर के साथ मीटिंग की जाए। 9. वर्दी धारण करने और लगातार विषम परिस्थितियों में ड्यूटी करने के कारण स्वभाव में परिवर्तन अवश्यंभावी है। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए संवेदनशीलता और स्वयं विवेक से सावधानीपूर्वक कदम उठाने होंगे। पुलिस बल को अच्छा वातावरण दें, ताकि कार्य सुगमतापूर्वक हो सके।
10. विगत तीन वर्षों में पुलिस कर्मियों द्वारा की गई आत्महत्या की घटनाओं का अध्ययन करें, ताकि पता चल सके कि कारण क्या है। फिर इन्हें रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। 11. शिकायत प्रकोष्ठ में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण 15 दिन के अंदर करने की व्यवस्था है। अगर जिला स्तर पर निस्तारण संभव न हो तो पुलिस मुख्यालय को प्रेषित करें।
12.शिकायत प्रकोष्ठ में संवेदनशील और उच्चकोटि के कर्मचारियों की नियुक्ति करें। प्रकोष्ठ को तकनीकी रूप से दक्ष एवं उन्नत बनाने हेतु एक एसओपी तैयार की जाए। कार्यप्रणाली इस तरह की है तो चौबीसो घंटे शिकायत की जा सके। शिकायत निस्तारण की जानकारी एसएमएस या वॉट्सऐप पर दी जाए।
13. पुलिस कर्मचारियों की किसी भी प्रकार हुई मृत्यु जैसे अपराधियों से लड़ते हुए, ऑपरेशन कार्य, दुर्घटना, बीमारी, आत्महत्या आदि का विवरण पुलिस मुख्यालय रखेगा। 14.पुलिस कर्मी की आत्महत्या की जांच पुलिस अधीक्षक द्वारा 15 दिन में की जाए। विवरण पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा।
15.प्रत्येक पुलिस कर्मी की मृत्यु पर पुलिस महानिदेशक द्वारा उत्तर प्रदेश की ओर से आश्रित परिवार को शोक-सहानुभूति पत्र निर्गत किया जाएगा। मृतक के गृह जनपद के राजपत्रित पुलिस अधिकारी द्वारा स्वयं दिया जाएगा।