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अखिलेश के करीबी सपा नेता के यहां इनकम टैक्स रेड के दौरान हुआ हैरान करने वाला खुलासा, फंस सकते हैं ‘नेता जी’

locationआगराPublished: Feb 08, 2019 01:36:54 pm

आयकार विभाग की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी है। इस दौरान पड़ताल में हैरान करने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।

Akhilesh Yadav

अखिलेश के करीबी सपा नेता के यहां इनकम टैक्स रेड के दौरान हुआ हैरान करने वाला खुलासा, फंस सकते हैं ‘नेता जी’

आगरा। पूर्ववर्ती सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे अखिलेश के करीबी समाजवादी पार्टी (सपा) नेता शिवकुमार राठौर के सलौनी ग्रुप व इनके सहयोगियों की कंपनियों पर आयाकर विभाग ने छापा मारा है। आयकार विभाग की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी है। इस दौरान आयकर विभाग की पड़ताल में हैरान करने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ नेताओं तक आयकर विभाग की कार्रवाई की आंच पहुंच सकती है।
60 से अधिक कंपनियां

बता दें कि शिव कुमार राठौर व उनके छोटे भाई मुकेश राठौर के सलोनी ग्रुप और इनके दो कारोबारी साथी फुंदीलाल शर्मा और संतोष शर्मा के प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है। दूसरे दिन तक समूह की 125 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय सामने आने की बात कही जा रही है। आयकर विभाग की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य और कागजात सामने आ रहे हैं, जिनकी कड़ियां जोड़ी जा रही हैं जो राजनेताओं तक पहुंचती दिख रही है। अत तक की पड़ताल में सामने आया है कि सलोनी ग्रुप के मालिक शिव कुमार राठौर व उनके छोटे भाई मुकेश राठौर, और इनके कारोबारी पार्टनर फुंदीलाल शर्मा और संतोष शर्मा के नाम पर 60 से ज्यादा कंपनियां हैं। ज्यादातर कंपनियां एक ही पते पर चल रही हैं। 10-10 कंपनियों के पते एक ही हैं और हैरानी की बात है कि ईमेल आईडी तक अलग नहीं है। पते पर कंपनियों के बोर्ड भी नहीं लगे हैं।
सपा सरकार में जमकर किया काम

सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे सलोनी ग्रुप के मालिक शिव कुमार राठौर के भाई मुकेश राठौर और उनके पार्टनर फुंदीलाल शर्मा, संतोष शर्मा की कंपनियों ने सपा सरकार के दौरान जमकर काम किया। आगरा-लखनऊ एक्स्प्रेस वे और सड़क निर्माण के कई अन्य ठेके इन्हें मिले। आयकर अधिकारियों के मुताबिक बड़े पैमाने पर समूह ने अपनी रकम को ही अपनी कंपनियों और सब कांट्रेक्ट के जरिए दिखाया है। जबकि सब कांट्रेक्ट जिस आधार पर किया गया है उन कागजातों से भी आयकर विभाग संतुष्ट नहीं है। साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि इन कंपनियों में कुछ सफेदपोशों के भी रुपए लगे हुए हैं। अगर जांच की कड़ियां जुड़ीं तो कई नेता भी फंस सकते हैं।

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