निहाल सिंह जैन ने बताया कि 4 अगस्त, 1942 को जैसे ही बम्बई के ग्वालिया टेके से क्रांति की चिनगारी फैली, हमारा शहर निर्जीव नज़र आ रहा था।
tiranga
आगरा। गोल्डन एज व लोकस्वर की संयुक्त बैठक मे स्वतन्त्रता दिवस से पूर्व आगरा क्लब में बैठक भारत छोड़ो आंदोलन के संदर्भ में हुई। डॉ आरएम मल्होत्रा की अध्यक्षता में स्मरणों की चर्चा हुई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि शिरोमणि ने बताया कि महात्मा गांधी के usr`Ro में चलते अहिंसक आंदोलन शिथिल पढ़ने लगा था। लोगों में बेचैनी बढ़ती जा रही थी। आगरा क्रांतिकारियों का बड़ा केंद्र बन चुका था। अपनी भौगोलिक स्थिति में रहते यहाँ चारों ओर से क्रांतिकारी एवं अन्य नेतागण सलाह मशविरा करने आते थे। एक बहुत बड़ा शिक्षा का केन्द्र होने के नाते यहाँ के कॉलेजों में युवक देश की आज़ादी के लिये कर गुजरने को तड़प रहे थे। ये सारी जानकारीयां अंग्रेज़ शासकों को थीं। यही कारण था कि 1942 के अगस्त माह के शुरू में ही शहर व जिले के समस्त कांग्रेसी नेता पं. श्रीकृष्ण दत्त पालीवाल, जगन प्रसाद रावत, शिरोमणि बन्धु, बल्लाजी आदि गिरफ्तार कर लिये गए थे। योजना के अन्तर्गत बाबूलाल मीतल भूमिगत हो गए थे।
यह भी पढ़ेंआजादी की जंग में जब गेंदालाल को मिला डाकू पंचम सिंह का साथ, पढ़िये ये रोचक कहानी…वृंदावन से आगरा आए बाबूलाल मीतल निहाल सिंह जैन ने बताया कि 4 अगस्त, 1942 को जैसे ही बम्बई के ग्वालिया टेके से क्रांति की चिनगारी फैली, हमारा शहर निर्जीव नज़र आ रहा था। बाबूलाल मीतल को मैदान में आने का जैसे ही संदेश दिया गया, वे तुरंत वृंदावन से आगरा पहुँच गये।
यह भी पढ़ेंआजादी की लड़ाई का गवाह है ये चर्च, हुई थी 40 अंग्रेजों की हत्या10 अगस्त को फुलट्टी से निकाला था जुलूस पूर्व विधायक सतीश चंद्र गुप्ता जी ने भावुक होते हुए बताया कि 10 अगस्त को अपराह्न “फुलट्टी” से विशाल जुलूस निकाला गया। इसमें सबसे आगे झण्डा लेकर चल रहे थे ‘हर नारायण’। जगह-जगह ‘यूथ लीग’ के नौजवान व्यवस्था एवं मार्गदर्शन हेतु खड़े हुए थे। भगवती प्रसाद आज़ाद पीपल मंडी, सोहन लाल गुप्ता गुदड़ी, डॉ. सूरजभान जैन पथवारी और ना जाने कितने लोग हाथ में तिरंगे लिये खड़े थे।
यह भी पढ़ेंIndependence Day 2018: आजादी के आंदोलन में महिलाओं ने छुड़ा दिए थे अंग्रेजों के छक्के
शहीद हुआ परशराम डॉ. पीके सिन्हा ने कहा छीपिटोला का एक जत्था में आ पहुँचा। जमुना किनारे तैराकी मेले की भारी भीड़ थी। तभी किसी शरारती तत्व ने एक पत्थर उछाल दिया जो वर्दीधारी दरोगा के जा लगा। फिर पुलिस के बिना किसी चेतावनी के गोली चलाना शुरू कर दिया। एक गोली छीपीटोला के युवक ‘परशराम’ के सीने में जा लगी। वह शहीद हो गया। नेमीचन्द नायक, मोहनिया जी तथा कितने ही लोग घायल हुए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। सत्यनारायण सिंघानिया ने बैठक में कहा कि स्वतंत्र नागरिक होने पर हमें बड़ा ही गर्व है। युवाओं के बलिदानो के बिना ये स्वतन्त्रता अधूरी थी।
यह भी पढ़ेंस्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं लेते सम्मान, चाहते हैं शराबबंदीयुवाओं को फिर लड़ना होगा लोकस्वर संस्था के संस्थापक राजीव गुप्ता ने कहा कि आज भी देश की स्वतन्त्रता में नवयुवको के योगदान की तरह हमारे युवाओं को भी योगदान देना पड़ेगा। भ्रष्टाचार, खराब होते पर्यावरण से लड़ना पड़ेगा। आज देश की तरक्की में ये बहुत बड़ी बाधा हैं।
ये रहे उपस्थित बैठक का संचालन राजीव गुप्ता ने किया। धन्यवाद अमिताभ ने दिया। व्यवस्था ललित प्रसाद ने की। बैठक में डॉ आर. एम. मल्होत्रा, ललित प्रसाद, शकुंतला जैन, मीरा अमिताभा, आकांक्षा गुप्ता , अंजु जैन, किशोर टेकचंदानी, दीपेन्द्र मोहन सी.ए., गौरव लूथरा, आर. एस. मित्तल, हर प्रसाद बंसल आदि उपस्थित रहे।