S:- एस का मतलब सेनिटाइजेशन से है। यानी हमें हाथों को दिन में कम से कम 10 बार धोना है। किसी बाहरी वस्तु को छूने के बाद हाथ को हर हाल में धोना है। हाथ को जरूरी नहीं कि एल्कोहल युक्त सैनेटाइजर से ही सेनिटाइज किया जाए, साबुन या हैंडवॉश से भी धो सकते हैं। लेकिन कम से कम 10 सेकंड तक धोएं। इससे वायरस का एक तिहाई खतरा कम हो जाएगा। ये बात शोध में भी साबित हो चुकी है।
M:- एम का तात्पर्य मास्क से है। कोरोना से लड़ने के लिए मास्क बहुत कारगर हथियार है। अगर सभी लोग मास्क का प्रयोग करेंगे तो संक्रमण खुद ब खुद कम हो जाएगा। ये जरूरी नहीं कि मास्क दुकान से खरीदा जाए, आप इसे घर में भी कपड़े की मदद से बनाकर उपयोग में ले सकते हैं। यदि सांस संबन्धी कोई परेशानी है, या मास्क पहनने में को समस्या आ रही है तो मुंह व नाक को रुमाल, गमछे, स्टोल आदि से कवर करें।
S:- तीसरे एस का मतलब सोशल डिस्टेंसिंग से है। बाजार, दुकान, दफ्तर आदि कहीं पर भी हों, लोगों से कम से कम एक से डेढ़ मीटर की दूरी रखें। सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना के खिलाफ काफी प्रभावी हथियार है। इसकी गंभीरता को समझें और खुद को कोरोना से बचाएं।
रिपोर्ट- सुचिता मिश्रा