चिंता सताने लगी किसानों को खेतों में पक कर तैयार और काट कर रखी फसल बचाने के लिए चिंता सताने लगी। जिले में रबी की अगैती जीरा, धनिया, सरसों की फसलें कट रही हैं, जिनके बे मौसम बरसात से भीग कर खराब होने का अंदेशा है तो दूसरी और पछेती जीरे में बादल छाने व बरसात से ओस पडऩे के कारण झुलसा व मोयला का प्रकोप बढऩे का खतरा है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले में हल्की बूंदाबांदी हुई है।
80 हजार हैक्टेयर में जीरे की बुवाई भारतीय किसान संघ के प्रांत जैविक प्रमुख तुलछाराम सिंवर ने बताया कि जिले में हल्की बूंदाबांदी के बाद मौसम हल्का होने से किसानों ने राहत की सांस ली। मौसम विभाग के 10 मार्च तक उत्तर भारत में मौसम खराब रहने के अनुमान के चलते आज की हल्की बरसात भी बुधवार को ओस के रूप में बरस कर जीरे की फसल को चौपट कर देगी। जिले में 70-80 हजार हैक्टेयर में जीरे की बुवाई की हुई है। आने वाले दो-तीन जीरे की पकी फसल के लिए महत्वपूर्ण है।