पुलिस को पहले सूचना मिली थी कि मामला मानव तस्करी से जुड़ा है। पूछताछ में पता चला था कि गैंग निसंतान दंपति को बच्चे बेचता था। पुलिस ने बताया कि वे पहले ऐसी महिलाओं को जाल में फंसाते थे जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या अपने पति से अलग रहती हैं। उसके बाद उन्हें किराए पर कोख (सेरोगेसी) देने के लिए तैयार करते थे। ये बच्चे भी ऐसे ही पैदा हुए थे। इन तीनों बच्चों को बिहार की एक महिला ने जन्म दिया था। महिला फरीदाबाद में रहती है और तीन किश्तों में अपनी कोख को किराए पर रखने के लिए उसे साढ़े तीन लाख रुपये मिले थे। तीनों नवजात को नेपाल में एक दंपत्ति को दिया जाना था। जिस महिला को ये बच्चे सौंपे जाने थे उसका नाम अस्मिता है। वह नेपाल में हॉस्पिटल चलाती है। नेपाल में लड़कियों की मांग अधिक है।