आगरा

एक बार आँखें बंद करके तो बैठिए, फिर देखिए कैसे-कैसे होते हैं चमत्कार

आत्मा हमेशा अपने आपको ठीक करना जानती है। बस मन को शांत करना ही चुनौती है।

आगराFeb 01, 2019 / 07:08 am

अमित शर्मा

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एक किसान था। उसकी घड़ी चारे से भरे हुए बाड़े में खो गई थी। वह घड़ी बहुत कीमती थी। इसलिए किसान ने उसकी बहुत खोजबीन की पर वह घड़ी नहीं मिली। बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थे और किसान को दूसरा काम भी था, उसने सोचा क्यों न मैं इन बच्चों से घड़ी को खोजने के लिए कहूं। उसने बच्चों से कहा कि जो भी बच्चा उसे घड़ी खोजकर देगा उसे वह अच्छा इनाम देगा।
यह सुनकर बच्चे इनाम के लालच में बाड़े के अन्दर दौड गए और यहां वहां घड़ी ढूंढने लगे। लेकिन किसी भी बच्चे को घड़ी नहीं मिली। तब एक बच्चे ने किसान के पास जाकर कहा कि वह घड़ी खोजकर ला सकता है पर सारे बच्चों को बाड़े से बाहर जाना होगा।

किसान ने उसकी बात मान ली। किसान और बाकी सभी बच्चे बाड़े के बाहर चले गए। कुछ देर बाद बच्चा लौट आया और वह कीमती घड़ी उसके हाथ में थी। किसान अपनी घड़ी देखकर बहुत खुश और आश्चर्यचकित हो गया। उसने बच्चे से पूछा “तुमने घड़ी किस तरह खोजी जबकि बाकी बच्चे और मैं खुद इस काम में नाकाम हो चुका था।” बच्चे ने जवाब दिया “मैंने कुछ नहीं किया, बस शांत मन से ज़मीन पर बैठ गया और घड़ी की आवाज़ सुनने की कोशिश करने लगा। बाड़े में शांति थी इसलिए मैंने उसकी आवाज़ सुन ली और उसी दिशा में देखा।”

सीख
एक शांत दिमाग बेहतर सोच सकता है, एक थके हुए दिमाग की तुलना में। दिन में कुछ समय के लिए, आँखें बंद करके शांति से बैठिये। अपने मस्तिष्क को शांत होने दीजिये। फिर देखिये वह आपकी ज़िन्दगी को किस तरह से व्यवस्थित कर देता है। आत्मा हमेशा अपने आपको ठीक करना जानती है। बस मन को शांत करना ही चुनौती है।
प्रस्तुतिः डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित, सोरों

 

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