सभी शिष्यगण शांत हो गए। किसी को भी उत्तर नहीं सूझ रहा था। परन्तु उनमें से एक शिष्य उठकर बोला- गुरुदेव सबसे अच्छा फूल कपास का होता है, क्योंकि उससे शरीर को ढकने को कपड़ा मिलता है। सबसे अच्छा पत्ता पान का होता है, कयोंकि पान लिखाकर दुश्मन को भी मित्र बनाया जा सकता है। सबसे अच्छा दूध मां का होता है, क्योंकि इसी से बच्चे का पोषण होता है। सबसे अच्छी मिठास वाणी की मिठास होती है, क्योंकि मीठा बोलने से किसी को भी अपना बनाया जा सकता है। राजाओं में सबसे अच्छा राजा देवताओं का अधिपति राजा इन्द्र है, जिसके आदेश में दुनिया चल रही है।
यह भी पढ़ें योगी सरकार में मुस्लिम परिवार ने लगाई जान बचाने की गुहार यह भी पढ़ें सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता ने दलित शिक्षक को थाने बुलाकर छुलवाए पैर, देखें वीडियो गुरु शिष्य के उत्तरों से संतुष्ट हो गए और उसको आश्रम का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस तरह का ज्ञान गुरु से ही मिलता है। ज्ञान भी सच्चा शिष्य बनकर प्राप्त किया जा सकता है। कबीरदास ने ठीक ही कहा है-