ताजमहल के शहर आगरा में हजारों बच्चे बाल श्रम के दल दल में फंसे हुये हैं।
International Child Labor Prohibition Day 2019
यह बच्चा जो यहाँ बैठा है इस बच्चे की कहीं भूख मिटे {क्या मुश्किल है, हो सकता है) इस बच्चे को कहीं दूध मिले (हाँ दूध यहाँ बहुतेरा है) इस बच्चे का कोई तन ढाँके (क्या कपड़ों का यहाँ तोड़ा है ?) इस बच्चे को कोई गोद में ले (इन्सान जो अब तक ज़िन्दा है) फिर देखिए कैसा बच्चा है यह कितना प्यारा बच्चा है आप सोच रहे होंगे कि इब्ने इंशा की कविता की ये पंक्तियां यहां क्यों लिखी जा रही हैं, तो आपको बता दें कि 12 जून को बालश्रम निषेध दिवस है। यानी कि भारत में बच्चों से काम कराना अपराध है। बच्चे काम क्यों कर रहे हैं? पेट की भूख मिटाने के लिए, दूध के लिए और तन ढकने के लिए। अगर इसकी व्यवस्था हो जाए तो कोई बच्चों से काम क्यों कराएगा? यूं तो बच्चों के लिए काम करने वाली अनेक संस्थाएं हैं, लेकिन बच्चों की भूख कोई नहीं मिटाना चाहता है।
ताजमहल के शहर आगरा में हजारों बच्चे बाल श्रम के दल दल में फंसे हुये हैं। जिस उम्र में नन्हे और नाजुक हाथों में कॉपी कलम होनी चाहिये, उन हाथों में पेचकस, प्लास, गरम चाय का गिलास है। जिन मासूम को बेहद लाड प्यार मिलना चाहिये, वे मालिक की फटकार खा रहे हैं। वह दृश्य तो वो भयावह होता है, जब मासूम बच्चों से झूठे बरतन धुलवाए जाते हैं।