-भावना मेहरा, पम्मी सडाना, पूजा आहूजा सर्वश्रेष्ठ कवयित्री घोषित
-आगरा की सात हस्तियों को दिया गया सप्तऋषि सम्मान
-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुति से हुई शुरुआत, आज तीसरा दिन
Drama
आगरा। नटरांजलि थिएटर आर्ट्स द्वारा आयोजित चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव (International Taj drama festival) के अंतर्गत 24 सितंबर को तीन सत्र होंगे। पूर्वाह्न 11 बजे से कार्यक्रम शुरू जाएंगे। दूसरे दिवस के कार्यक्रम होली पब्लिक स्कूल सिकन्दरा स्थित तारा हरेश ऑडिटोरियम में हुए। नाटक (Drama), एकल अभिनय, कविता (Kavota) की धूम रही।
विदेशी कलाकारों की प्रस्तुति से शुभारंभ प्रथम सत्र की शुरुआत श्रीलंका (Sri lanka) से आये श्रीमाली डांस के कलाकारों की पारम्परिक देव प्रस्तुति से हुई। सिडनी, ऑस्ट्रेलिया से आईं विशिष्ट अतिथि विक्टोरिया एवं जनेवी मिल्टन ने महोत्सव के सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्य अतिथियों में शामिल आगरा के सांसद प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल, अशोक जैन सी.ए., होली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन संजय तोमर, शिविका तोमर, नरेश बेरी, गोपाल गुरु, लालाराम तैनगुरिया, प्रिंसिपल मोनिका सिंह,बंटी ग्रोवर, सुशील जैन एवं महोत्सव संयोजक अलका सिंह ने प्रथम सत्र का शुभारम्भ दीप-प्रज्ज्वलन करके किया गया।
सप्तऋषि सम्मान आगरा के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साधकों को सप्तऋषि सम्मान दिया गया। सप्त ऋषि सम्मान डॉ. श्रीभगवान शर्मा, पण्डित केशव तलेगाँवकर, चौधरी सुखराम सिंह, यमुना साधक अश्विनी कुमार मिश्रा, नाट्य शिल्पी केशव प्रसाद सिंह, रामनाथ गौतम, व आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ जीसी सक्सेना को मिला।
भावना मेहरा, पम्मी सडाना, पूजा आहूजा सर्वश्रेष्ठ रितु गोयल के संयोजन में “काव्य श्रंगार” के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं ने काव्य सत्र में प्रस्तुति दीं। हिमांशु अग्रवाल, चित्रांगदा, अनीता गौतम, डॉ शशि अस्थाना, डॉ ममता, आरती, पूजा कालरा, डॉ. मीरा माथुर, मंजू, भावना, दीपक मेहरा, मृदुल गोयल, पम्मी सडाना, प्रार्थना मिश्रा, महेश गौतम एवं गया प्रसाद मौर्या की रचनायें सुनकर श्रोता एवं दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए। कविता पाठ में भावना मेहरा, पम्मी सडाना एवं पूजा आहूजा ने सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति दी।
एकल प्रस्तुति वैभव शर्मा ने और अरहम जैन ने ड्रम बजाया। मान्या बेदी ने राधा कृष्ण नृत्य प्रस्तुत किया। नयन जैन व सिलीगुड़ी की प्रियंका ने शास्त्रीय नृत्य करके समा बांध दिया। यश सिंह ने संदेश आते हैं पर नृत्य किया। मेघना सिंह ने गायन प्रस्तुत किया। नाटक के निर्णायक मंडल में शामिल रहे युग मेहता, अशोक मेहरा,शिवम गुप्ता, धनंजय कुकरेती, सुनील विश्वकर्मा व नीरव जोशी।
तीन नाटक तृतीय सत्र में तीन नाटक हुए जिनमें, अलवर राजस्थान के कलाकारों ने अशोक शर्मा के निर्देशन में पारसी शैली में महाराजा भर्तहरि की अद्भुत प्रस्तुति दी। कलाकारों में मानेंद्र उपाध्याय ने महाराजा भर्तहरि की भूमिका निभाई। दूसरा नाटक ‘कलंकी’ जमशेदपुर, ताल थिएटर के कलाकारों ने विजय कुमार के निर्देशन में प्रस्तुत किया। तृतीय नाटक कोलकाता से आये अंतराष्ट्रीय कलाकार सुमन मंडल ने ‘रामकृष्ण परमहंस’ प्रस्तुत किया।
ताज रंग सम्मान राष्ट्रीय सम्मान ‘ताज रंग श्री’ संगीत के क्षेत्र में डॉ दीप्ति को एवं ‘ताज रंग भूषण’ नाटक के क्षेत्र में विशेष योगदान देने पर अशोक शर्मा को दिया गया। गाजियाबाद से आये संगम कला संस्थान के कलाकारों ने तबला, हारमोनियम व गायन अलबेला सजन आयो रे की प्रस्तुति दी। सभी व्यवस्थाओं को डॉ वीना शर्मा, ममता पचौरी, मिथलेश शाक्य, राजकुमारी पाराशर, भावना, कुमुद, मीरा शर्मा, आशीष लवानियां, कृष्णा सागर ने संभाला। संचालन श्रुति सिन्हा, परवेज़ कबीर व गगन गौतम ने किया। वरिष्ठ रंगकर्मी अजय दुबे, उमेश अमल आदि उपस्थित रहे।