घेरेंगे जम्मू सचिवालय
वॉयस आॅफ एक्स सर्विसमैन सोसायटी के आगरा के पदाधिकारी 21 फरवरी को सुबह आगरा से निकलेंगे। वहीं कठुआ, पठानकोट, पंजाब, जम्मू, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश आदि प्रदेशों से हजारों की संख्या में एक्ससर्विसमैन जम्मू सचिवालय पर एकत्रित होंगे। इसके लिए संपर्क किया जा रहा है। ये प्रदर्शन 26 फरवरी को जम्मू सचिवालय पर होगा। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव वीर बहादुर सिंह का कहना है कि संस्था की मांगों में शोपियां में सेना के जवानों पर लगाई गई एफआईआर वापस लेने, जम्मू कश्मीर में सैनिकों, पूर्व सैनिकों पर अनुच्छेद 370 हटाने और अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को देश से बाहर करने की मांगें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 देश के बाकी हिस्सों से दूर करती है, पत्थरबाजी की घटना इसका उदाहरण है। सिक्योरिटी फोर्सेज के लिए धारा 370 हटाई जाए। सुंजावा कैंप पर जो आतंकी हमला हुआ, जिसमें देश के जवानों ने शहादत दी, उसमें बांग्ला अवैध नागरिक और वहां कैंप कर रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों संदेह के दायरे में हैं। सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील स्थान पर इस तरह के तत्वों को रहना जम्मू कश्मीर की सुरक्षा के लिए सही नहीं है। जो भी बांग्लादेशी रोहिंग्या रह रहे हैं, उन्हें उनके देश में भेज दिया जाए। इन मांगों को लेकर जम्मू सचिवालय पर 26 फरवरी को प्रदर्शन किया जाएगा।
वॉयस आॅफ एक्स सर्विसमैन सोसायटी के आगरा के पदाधिकारी 21 फरवरी को सुबह आगरा से निकलेंगे। वहीं कठुआ, पठानकोट, पंजाब, जम्मू, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश आदि प्रदेशों से हजारों की संख्या में एक्ससर्विसमैन जम्मू सचिवालय पर एकत्रित होंगे। इसके लिए संपर्क किया जा रहा है। ये प्रदर्शन 26 फरवरी को जम्मू सचिवालय पर होगा। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव वीर बहादुर सिंह का कहना है कि संस्था की मांगों में शोपियां में सेना के जवानों पर लगाई गई एफआईआर वापस लेने, जम्मू कश्मीर में सैनिकों, पूर्व सैनिकों पर अनुच्छेद 370 हटाने और अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को देश से बाहर करने की मांगें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 देश के बाकी हिस्सों से दूर करती है, पत्थरबाजी की घटना इसका उदाहरण है। सिक्योरिटी फोर्सेज के लिए धारा 370 हटाई जाए। सुंजावा कैंप पर जो आतंकी हमला हुआ, जिसमें देश के जवानों ने शहादत दी, उसमें बांग्ला अवैध नागरिक और वहां कैंप कर रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों संदेह के दायरे में हैं। सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील स्थान पर इस तरह के तत्वों को रहना जम्मू कश्मीर की सुरक्षा के लिए सही नहीं है। जो भी बांग्लादेशी रोहिंग्या रह रहे हैं, उन्हें उनके देश में भेज दिया जाए। इन मांगों को लेकर जम्मू सचिवालय पर 26 फरवरी को प्रदर्शन किया जाएगा।