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ब्लू व्हेल गेम से बच्चों को बचाओ, जनकपुरी दिखाओ

locationआगराPublished: Sep 17, 2017 05:44:03 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

जनकपुरी यानी सीता जी का घर, यहीं तो आए राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जैसे वर।

janakpuri agra

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आगरा। आपने रामलीला देखी और कृष्ण लीला देखी। रामलीला में राम बारात को देखा, उसमें शामिल झांकियों को देखा। प्रभु श्रीराम का सुंदर मुकुट निहारा, लगा बड़ा ही प्यारा। राम की आरती उतारी, मानो मिल गई मन की मुराद सारी। जय श्रीराम के नारे, लगे बड़े प्यारे। ये सब देखा, लेकिन अगर जनकपुरी नहीं देखी तो क्या देखा? जनकपुरी यानी सीता जी का घर, यहीं तो आए राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जैसे वर।
जनकमहल

आवास विकास कॉलोनी में जनकपुरी सजाई है, मिथिलानगरी नाम पाई है। यहां राजा जनक हैं, रानी सुनयना हैं, सीता जी की सखियां और तीन बहना हैं। राजा जनक का महल इतना सुंदर बनाया है, हर किसी के नेत्रों में समाया है। लगातार देखते रहो, फोटो खींचते रहो, वीडियो बनाते रहो। जनक महल के संग सेल्फी लेने की होड़ है, जनक महल के निकट जाने की दौड़ है।
ये भी राम की दुआ है

जनकपुरी में श्रद्धा है, विश्वास है, जनकपुरी में विकास की आस है। भले ही काम हल्का हुआ है, पर हुआ है। ये भी राम की दुआ है कि काम हुआ है। जहां-जहां जनकपुरी के आयोजकों का प्रभाव है, वहां का इलाका साफ है। सड़कों के गड्ढे भर दिए हैं, कुछ नेक काम किए हैं। जहां काम नहीं हुआ, वे विरोध कर रहे हैं, लगातार धरना दे रहे हैं। नहीं गली उनकी दाल है और जनकपुरी विशाल है।
अद्भुत नजारा

सूर्यास्त के साथ जनकपुरी का अद्भुत नजारा है, जहां तक नजर जाए, परिदृश्य बड़ा प्यारा है। राम नाम की गूंज है, राम नाम की अनुगूंज है। पूरा इलाका होर्डिंग से पटा पड़ा है, सड़कों पर भी सीता राम लिखा है। जनकपुरी प्रकाशमान है, आगरा के महोत्सवों की शान है। जनता के सहयोग से जनकपुरी सजाई है, तभी तो अच्छी बन पाई है।
यहां डोसा है, छोले हैं, भटूरे हैं

जनकपुरी में भीड़ है, मानो हर किसी का नीड़ है। अबाल, वृद्ध, नर, नारी आ रहे, सब जनकमहल की ओर जा रहे। बच्चों को साथ लाए हैं, सॉफ्टी खाए हैं। यहां डोसा है, छोले हैं, भटूरे हैं, कहीं आधे तो कहीं पूरे हैं। यहां गोल गप्पे हैं, भल्ला है, खाने वालों की गोद में लल्ली है, लल्ला है। यहां तीर है, तलवार है, कमान है, जो रामलीला का शान है। कुंडल है, बिन्दी है, सिंदूर है, जो आशीर्वाद से भरपूर है। खेल है, खिलौना है, बच्चों का रोना है। फिर झूले में झुलाओ, रोते बच्चों को हंसाओ।
जनकपुरी में जरूर आओ, बच्चों को साथ लाओ

साल में एक बार सजती है जनकपुरी, इस बार 19 सितम्बर, 2017 तक है जनकपुरी। इसलिए जनकपुरी में जरूर आओ, बच्चों को साथ लाओ। ब्लू व्हेल गेम से बच्चों को बचाओ, जनकपुरी दिखाओ। यहां सब कुछ नया है, जनकपुरी आने में कैसी हया है। जनकनपुरी क्षेत्र में वाहन से नहीं, 11 नम्बर की बस यानी पैदल चलना है, सुंदर नजारों को नयनों में भरना है। अगर हम बच्चों को यहां नहीं लाएंगे, तो वे मेला तमाशा कैसे जान पाएंगे। कुछ घंटे बेकार के सीरियल से दूरी बनाओ, जनकपुरी में आओ। 17 सितम्बर की रात में प्रभु श्रीराम नगर भ्रमण करेंगे औऱ सबको आशीर्वाद देंगे। 18 सितम्बर बड़हार है। इसी दिन राम जी परिवार समेत नगर भ्रमण पर होंगे। फिर रात में 10 बजे विदाई है। 19 सितम्बर को जनकपुरी में सेवा करने वालों को सम्मान होगा। रात्रि में आठ बजे से खाटू श्याम के होंगे भजन, जो आपके कर देंगे मगन।
जनकपुरी कमेटी के बारे में

राजकुमार पथिक, सुधीर गोयल और दीपक अग्रवाल, रूठे मीडिया को रहे संभाल। सारी व्यवस्था वीरेन्द्र अग्रवाल, मुकेश नेचुरल, अजय अग्रवाल, केदारनाथ अग्रवाल के हाथ में है, पूरी जनकपुरी कमेटी उनके साथ में हैं। ललित नारायण पाराशर तो राजा जनक बने हैं, मुकुट लगाकर देखो कैसे सजे हैं। संजय अग्रवाल के साथ में कोष है, इसीलिए उनमें खासा जोश है। पवन आगरी और मुकेश शर्मा एडवोकेट मंच पर हाजिर हैं, वे संचालन में माहिर हैं। डॉ. हृदेश चौधरी और पायल सिंह चौहान, इनका है जनकपुरी कमेटी में बड़ा मान। सबने जी जीन लगा दी है, जनकपुरी सजा दी है।
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