वट सावित्री व्रत 2018 : अखंड सौभग्य और पति की लम्बी उम्र के लिए ऐसे करे वट सावित्री का व्रत और पूजा
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत से होती है पति की आयु लंबी

आगरा। ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री पूजा की जाती है। इस दिन अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। सुहागिन वट वृक्ष की पूजा करती हैं। अमावस्या का ये व्रत पति की लंबी आयु की कामना के लिए रखा जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ.अरविंद मिश्र का कहना है कि कुछ साधारण से उपाय कर सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए किए जाने वाले इस व्रत का अधिक लाभ ले सकती हैं।
सत्यवान के प्राण हरने के बाद सावित्री ने की थी पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ.अरविंद मिश्र ने बता या कि जब यमराज ने सत्यवान के प्राण हर लिए थे। तब सावित्री ने आज के ही दिन कठिन तपस्या की थी। सावित्री की तपस्या का परिणाम ये निकला कि सत्यवान के प्राणों की रक्षा यमराज से कर सकीं। तभी से वट सावित्री पूजा शुरू हुई। स्त्रियां इस व्रत को करने केे लिए अपने पति की लंबी आयु की प्राप्ति कर सकती हैं।
इस दिन करें ऐसे पूजा, वट वृक्ष की पू जा करते समय सूत से सात परिक्रमा
ज्योतिषाचार्य डॉ.अरविंद मिश्र का कहना है कि वट वृक्ष की पूजा करते समय सूत से सात परिक्रमा लगाए। माता गौरी का गौर बनाएं। वट वृक्ष ज्येष्ठ के मास में कपोले आती है, उन्हीं कपोलों को चढ़ाएं और उनका सेवन करें। पूजा के लिए कच्चा सू त, फल, धूपवत्ती, भिगोया हुआ चना, फूल फल, मौली, रोली, जल आदि सामग्री लें। मिट्टी के बनाए गौर या सत्यवान सावित्री और यमराज की प्रतिमाओं को वट वृक्ष के नीचे स्थापित करें। सबसे पहले जल से वट वृक्ष को सींचकर तने को चारों तरफ कच्चा धागा लपेटकर उसकी तीन बार परिक्रमा लगाएं। इसके बाद सत्यवान और सावित्री की कथा सुनें। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन इस व्रत को रखने से परिवार में सुख शांति आती है और सुहाग की आयु लंबी होती है।
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