जानिए क्या है कारण
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक कमलनाथ की कुंडली मीन लग्न की है। साथ ही कुंडली में राहु राजयोगकारी होकर नवांश में स्थित है इसलिए वे कार्यकाल पूरा कर पाएं इसमें शंका है। इसके अलावा अभी पंचक चल रहे हैं। पंचक 18 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होंगे। पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित बताया गया है। लिहाजा यदि 17 तारीख को कमलनाथ शपथ लेंगे तो उनका कार्यकाल पांच साल पूरा होगा, इसमें संशय की स्थिति बनी रहेगी।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक कमलनाथ की कुंडली मीन लग्न की है। साथ ही कुंडली में राहु राजयोगकारी होकर नवांश में स्थित है इसलिए वे कार्यकाल पूरा कर पाएं इसमें शंका है। इसके अलावा अभी पंचक चल रहे हैं। पंचक 18 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होंगे। पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित बताया गया है। लिहाजा यदि 17 तारीख को कमलनाथ शपथ लेंगे तो उनका कार्यकाल पांच साल पूरा होगा, इसमें संशय की स्थिति बनी रहेगी।
18 या 19 दिसंबर को शपथ लेना शुभ
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि कमलनाथ को 17 दिसंबर के बजाय 18 या 19 दिसंबर को शपथ लेना चाहिए। नाम के अनुसार मिथुन राशि के कमलनाथ का चंद्रमा 18 और 19 दिसंबर को ग्यारहवें भाव में रहेगा जो उनके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा। 18 दिसंबर को 10:47 बजे से लेकर 12:16 बजे तक और 19 दिसंबर को 10:39 बजे से 12:08 बजे तक स्थिर लग्न होगा। इस बीच यदि वे शपथ लेते हैं तो उनके लिए शुभ समय रहेगा।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि कमलनाथ को 17 दिसंबर के बजाय 18 या 19 दिसंबर को शपथ लेना चाहिए। नाम के अनुसार मिथुन राशि के कमलनाथ का चंद्रमा 18 और 19 दिसंबर को ग्यारहवें भाव में रहेगा जो उनके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा। 18 दिसंबर को 10:47 बजे से लेकर 12:16 बजे तक और 19 दिसंबर को 10:39 बजे से 12:08 बजे तक स्थिर लग्न होगा। इस बीच यदि वे शपथ लेते हैं तो उनके लिए शुभ समय रहेगा।
खरमास में शपथ लेने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने जताई चिंता
आपको बता दें कि कमलनाथ यूपी के रहने वाले हैं। उनका पैतृक गांव अतरछेड़ी बरेली की आंवला तहसील में है इसलिए यूपी के लोगों को एक तरफ उनके मुख्यमंत्री बनने की खुशी है तो वहीं खरमास में शपथ लेने को लेकर थोड़ी चिंता भी है। इस मामले में आगरा में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा ने भी चिंता जाहिर की है। हालांकि इस मामले में ज्योतिषाचार्य का कहना है कि खरमास में शपथ लेना इतनी बड़ी चिंता का विषय नहीं है। खरमास के बजाय पंचक में शपथ लेना ज्यादा चिंताजनक है।
आपको बता दें कि कमलनाथ यूपी के रहने वाले हैं। उनका पैतृक गांव अतरछेड़ी बरेली की आंवला तहसील में है इसलिए यूपी के लोगों को एक तरफ उनके मुख्यमंत्री बनने की खुशी है तो वहीं खरमास में शपथ लेने को लेकर थोड़ी चिंता भी है। इस मामले में आगरा में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा ने भी चिंता जाहिर की है। हालांकि इस मामले में ज्योतिषाचार्य का कहना है कि खरमास में शपथ लेना इतनी बड़ी चिंता का विषय नहीं है। खरमास के बजाय पंचक में शपथ लेना ज्यादा चिंताजनक है।