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अमीर अहमद की ये गजल आपके दिल को छू लेगी

locationआगराPublished: Nov 11, 2018 07:07:28 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

वॉट्सऐप ग्रुप नेशन फर्स्ट की दीवाली मीट में खूब जमा रंग

amir ahmad

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आगरा। सोशल मीडिया वॉट्सऐप पर चल रहा है नेशन फर्स्ट ग्रुप। इस समूह की ओर से आकाशवाणी के सामने स्थित चौधरी गार्डन में दीवाली मिलन का आयोजन किया गया। आगरा शहर के विकास पर चर्चा के साथ कवि सम्मेलन भी हुआ। समूह के सदस्यों ने सुंदर कविताएं सुनाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। शायर अमीर अहमद एडवोकेट की गजल खूब सराही गई। उन्होंने सुनाया-
न चांदी और न सोना चाहता हूं

तेरे नजदीक होना चाहता हूं।

सुना ए दिल मोहब्ब की कहानी

मैं तकिए को भिगोना चाहता हूं।

जहां कुछ देर कर लूं खुद से बातें
एक ऐसा घर में कोना चाहता हूं।

अता कर मुझको भी थोड़ी सी दौलत

मैं बच्चे को खिलौना चाहता हूं।

हों पैदा मुल्क में फसलें मोहब्बत

मैं ऐसे बीज बोना चाहता हूं।
ये दिल घबरा गया झूठी हँसी से

मैं बस अब खुल के रोना चाहता हूं।

जो हैं दामन पर कुछ धब्बे लहू के

‘अमीर’ अब उनको धोना चाहता हूं।

vatsala prabhakar
रवीन्द्र पाल सिंह टिम्मा खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने फिल्मी गीत कs बोल को सबद कीर्तन की संज्ञा दी-
क्या तेरी जुल्फ का लहरा, है अब तक वही सुनहरा

बड़े रंगीन जमाने थे तराने ही तराने थे

मगर अब पूछता है दिल, दिन थे क्या फसाने थे

narendra
हाकिम सिंह सोलंकी ने सुनाया
दौर वो आया कातिल की सजा कोई नहीं

हर सजा उसके लिए जिसका गुनाह कोई नहीं..

डॉ. वत्सला प्रभाकर, डॉ. अमी आधार निडर ने भी काव्यपाठ किया। नसीम अहमद ने शेर सुनाया। अपूर्व शर्मा ने फिल्मी गीत की पंक्ति सुनाई। अमितंदर मल्होत्रा ने प्रहसन किया।
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